मेरठ (शिखर समाचार) परिक्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय मेरठ से शनिवार देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मासिक अपराध समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता परिक्षेत्र मेरठ के पुलिस उप महानिरीक्षक कलानिधि नैथानी ने की। इस वर्चुअल मीटिंग में बुलन्दशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह, जनपद के सभी अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी, थाना व शाखा प्रभारी तथा यातायात निरीक्षक शामिल रहे।
पर्वों पर शांति सुनिश्चित करने के लिए थाना प्रभारियों को धर्मगुरुओं और पीस कमेटी से तत्काल बैठक के निर्देश
बैठक में अपराध नियंत्रण, विवेचनाओं के निस्तारण, लम्बित शिकायतों, कानून-व्यवस्था की स्थिति और आगामी गणेश चतुर्थी व बारावफात जैसे पर्वों पर पुलिस प्रबंधन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
डीआईजी ने निर्देश दिए कि सभी थाना प्रभारी जल्द से जल्द धर्मगुरुओं, संभ्रांत नागरिकों और पीस कमेटी से बैठक कर लें, ताकि पर्व के दौरान मूर्ति स्थापना, जुलूस और विसर्जन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का टकराव न हो। उन्होंने साफ किया कि मूर्ति विसर्जन यात्रा और बारावफात के जुलूस आमने-सामने न आने पाएँ, यदि कहीं ऐसी संभावना हो तो आयोजकों से संवाद स्थापित कर तत्काल समाधान कराया जाए।
विवादित इलाकों में निरोधात्मक कार्यवाही और सक्रिय अपराधियों पर सख्त निगरानी का आदेश
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उन्होंने कहा कि त्योहारों से पहले विवादित स्थलों और मिश्रित आबादी वाले इलाकों का भौतिक निरीक्षण किया जाए और जहां पहले विवाद हो चुके हैं, वहां निरोधात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
बैठक के दौरान अपराध समीक्षा पर विशेष जोर दिया गया। डीआईजी नैथानी ने कहा कि गैंगस्टर, गुण्डा एक्ट और एनडीपीएस जैसी निरोधात्मक कार्यवाहियों को गति दी जाए। विगत दस वर्षों के स्नैचरों की सत्यापन रिपोर्ट तैयार की जाए और सक्रिय अपराधियों को हिस्ट्रीशीट खोलकर निगरानी में रखा जाए।
हत्या, बलात्कार और महिला अपराधों में त्वरित कार्रवाई व लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश
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उन्होंने हत्या, लूट, दहेज हत्या, बलात्कार, पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट के मुकदमों में प्राथमिकता से साक्ष्य संकलन व त्वरित ट्रायल कराने पर बल दिया। साथ ही गोलीकांड जैसे मामलों में तत्काल गिरफ्तारी और गैंगस्टर की कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा।
डीआईजी ने लंबित विवेचनाओं को शीघ्र निस्तारित करने, महिला अपराधों और अपहरण की घटनाओं में बरामदगी सुनिश्चित करने तथा NBW की शत-प्रतिशत तामीला कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने एसपी सिटी और एसपी ग्रामीण को गुण्डा अधिनियम की हर पंद्रह दिन पर समीक्षा करने और गैंगस्टर मामलों में पिछड़ रहे सर्किलों से रिपोर्ट तलब करने को कहा।
ई-साक्ष्य प्रबंधन और सोशल मीडिया निगरानी को डीजीपी मुख्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया जाए
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ई-साक्ष्य पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा कि हर बरामदगी वाले मामले में एसआईडी जेनरेट कर एफआईआर से लिंक किया जाए, क्योंकि यह डीजीपी मुख्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक में आईजीआरएस पोर्टल पर लंबित शिकायतों के निस्तारण, सोशल मीडिया पर भ्रामक संदेशों की सतत निगरानी और शासन से प्राप्त परिपत्र व न्यायालयीय आदेशों के शत प्रतिशत पालन पर भी जोर दिया गया।

डीआईजी ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियानों जैसे ऑपरेशन पहचान, ऑपरेशन विवेचना, ऑपरेशन एचएस, ऑपरेशन शस्त्र, ऑपरेशन जालसाज को और प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। उन्होंने साफ कहा कि पुलिस की सजगता और सख्त कार्रवाई से ही त्योहारों के दौरान शांति-व्यवस्था कायम रह सकती है।