ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का नाम परिवर्तित किए जाने की कथित साजिश और केंद्र सरकार की गांधी विरोधी सोच के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी गौतमबुद्ध नगर ने जिलाधिकारी कार्यालय पर तीखा विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे गरीबों के अधिकारों पर सीधा प्रहार बताते हुए केंद्र की नीतियों के खिलाफ आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि ऐसे कदम किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
मनरेगा का नाम बदलने पर कांग्रेस का विरोध: ग्रामीण मजदूरों की आजीविका पर हमला बताया
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी करते हुए कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि करोड़ों ग्रामीण मजदूरों के लिए सम्मानजनक आजीविका की गारंटी है। इसका नाम बदलने का प्रयास इतिहास और संविधान की आत्मा पर हमला है। कार्यकर्ताओं का कहना था कि केंद्र सरकार योजनाओं के नाम बदलकर अपनी नीतिगत विफलताओं को छिपाना चाहती है और एक खास विचारधारा थोपने का प्रयास कर रही है।
सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक भाटी चोटीवाला ने कहा कि भाजपा सरकार महात्मा गांधी के नाम और उनके विचारों से भयभीत है, इसी कारण वह जनकल्याणकारी योजनाओं के नाम बदलकर इतिहास को विकृत करना चाहती है। उन्होंने कहा कि मनरेगा ग्रामीण गरीबों की जीवनरेखा है और इसका नाम बदलना केवल शब्दों का फेरबदल नहीं, बल्कि गरीबों के संवैधानिक अधिकारों पर सीधा प्रहार है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले रोजगार के अवसर समाप्त किए गए और अब रोजगार की गारंटी देने वाली योजना की पहचान मिटाने की कोशिश की जा रही है।
केंद्र के फैसले के खिलाफ कांग्रेस का अल्टीमेटम: गांव-गांव तक फैल सकता है जन आंदोलन
ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/harnandipuram-gets-farmers-trust/
दीपक भाटी चोटीवाला ने स्पष्ट किया कि यह संघर्ष सिर्फ किसी योजना के नाम का नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और गांधीवादी मूल्यों की रक्षा का है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया, तो कांग्रेस पार्टी जनपद के गांव-गांव और प्रखंड-प्रखंड में व्यापक जन आंदोलन छेड़ेगी, जिसकी गूंज सड़कों से लेकर संसद तक सुनाई देगी।
प्रदर्शन के समापन पर उपजिलाधिकारी अनुराग सारस्वत के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मनरेगा का नाम यथावत रखने और गरीब विरोधी निर्णयों को तत्काल वापस लेने की मांग की गई। इस विरोध प्रदर्शन में मुकेश शर्मा, गौतम अवाना, रिजवान चौधरी, सूबेदार सतपाल सिंह, महाराज सिंह नागर, अशोक पंडित, सतीश शर्मा, धर्मवीर सिंह, मोहम्मद तकी, शिव चौटाला, पुनीत मावी, अरविन्द रेक्सवाल, गुलाब सिंह, तनवीर अहमद, हबीब मास्टर, रमेश वाल्मीकि, मोहित भाटी अधिवक्ता, रमा नैय्यर, गजन प्रधान, नरेश शर्मा, बिन्नू भाटी, सुबोध भट्ट, नीरज शर्मा, अमित कुमार, आलोक शर्मा, रमेश जीनवाल, नदीम प्रधान, सचिन भाटी, पियूष जाटव, सन्नी सिंह, हैप्पी भाटी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
