YEIDA मेडिकल डिवाइसेज़ पार्क में निवेश की रफ्तार तेज़, अवनीश अवस्थी ने प्राधिकरण से 15 अगस्त तक मांगी ठोस रिपोर्ट

Rashtriya Shikhar
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Yamuna Expressway Industrial Development Authority (YEIDA) IMAGE CREDIT TO YEIDA

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)।
Yamuna Expressway औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर-28 स्थित बहुप्रतीक्षित मेडिकल डिवाइसेज़ पार्क में बुनियादी ढांचे से लेकर निवेश तक के कार्य अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचते दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी एवं जी एन सिंह ने परियोजना स्थल का दौरा कर विकास कार्यों का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया और प्राधिकरण को स्पष्ट निर्देश दिया कि 15 अगस्त तक पार्क की प्रगति रिपोर्ट पूरी तैयारी के साथ प्रस्तुत की जाए।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने आगंतुक अधिकारियों को बताया

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मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने आगंतुक अधिकारियों को बताया कि यह परियोजना 350 एकड़ में फैली हुई है और इसे केंद्र सरकार के सहयोग से देश का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइसेज़ पार्क बनाने की दिशा में तीव्र गति से विकसित किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक प्राधिकरण द्वारा 89 औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं, जिनमें से 47 की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है और 7 कंपनियां अपने निर्माण कार्य की नींव डाल चुकी हैं।

बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह ने बताया कि 65 कंपनियों को आवश्यक चेकलिस्ट उपलब्ध करा दी गई है, 10 के मानचित्र स्वीकृत हो चुके हैं। इस पर सीईओ ने निर्देश दिया कि शेष सभी 89 अलॉटियों के लीज़ प्लान एक सप्ताह के भीतर तैयार कर लिए जाएं।

निरीक्षण के दौरान श्री अवस्थी ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कई कंपनियों द्वारा

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निरीक्षण के दौरान श्री अवस्थी ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कई कंपनियों द्वारा लीज डीड और भूमि कब्जा लेने के बावजूद निर्माण शुरू नहीं किया गया है। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी निवेशक कंपनियों से उनकी डीपीआर के आधार पर विस्तृत कार्य योजना अनिवार्य रूप से प्राप्त की जाए। उन्होंने साथ ही कहा कि आरएफपी जारी करते समय प्री-बिड मीटिंग का प्रावधान अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए, जिससे उद्यमियों को पारदर्शिता के साथ निर्णय लेने में सुविधा मिल सके।

जी.एन. सिंह ने सुझाव दिया कि पार्क परिसर में ही इंडियन फार्माकोपोइया कमीशन (IPC), CDSCO और स्टेट ड्रग्स लाइसेंसिंग अथॉरिटी के कार्यालयों की स्थापना की जाए, ताकि उद्यमियों को लाइसेंस, आईएसओ सर्टिफिकेट, डिवाइसेज़ सेफ्टी मान्यता व प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सकें।

कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने प्रोडक्ट्स, निवेश योजनाओं और ज़रूरतों को अधिकारियों के सामने रखा

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बैठक में मौजूद कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने प्रोडक्ट्स, निवेश योजनाओं और ज़रूरतों को अधिकारियों के सामने रखा। मेसर्स कृष मेडिकोज़ के शरद जैन ने बैंक लोन की ज़रूरत का मुद्दा उठाया, जिस पर अवस्थी ने प्राधिकरण को हरसंभव सहयोग सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। वहीं मेसर्स एवियंस बायोमेडिकल्स ने रुपये 22 करोड़ के निवेश की जानकारी दी, जबकि मेसर्स स्योन मेडटेक द्वारा रुपये 80 करोड़ की लागत से अमेरिकी तकनीक पर आधारित यूनिट की स्थापना की जा रही है, जिसके उत्पाद वर्तमान में 22 देशों को निर्यात किए जा रहे हैं।

अवस्थी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजना की हर प्रगति चरणबद्ध रूप से दर्ज की जाए और आगामी स्वतंत्रता दिवस तक उसकी समेकित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी सहित कपिल सिंह, शैलेंद्र भाटिया, शैलेंद्र कुमार सिंह, प्रवीण मित्तल, राजेंद्र भाटी, मेहराम सिंह, यूपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर, स्मिता सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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