Coal Ministry: की डिजिटल पहल को मिली रफ्तार, अन्वेषण मॉड्यूल पर प्रशिक्षण सत्र ने बढ़ाई पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता

Rashtriya Shikhar
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The Ministry of Coal's Digital Initiative Gains Momentum IMAGE CREDIT TO PIB

नई दिल्ली (शिखर समाचार)।
Coal मंत्रालय ने खनन क्षेत्र में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज़, सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। मंत्रालय द्वारा एक ही स्थान पर मंजूरी प्रणाली (SWCS) के तहत विकसित अन्वेषण मॉड्यूल पर एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला और संवाद कार्यक्रम का आयोजन राजधानी के स्कोप कॉम्प्लेक्स स्थित टैगोर चैंबर में किया गया। इस सत्र का उद्देश्य हितधारकों को मॉड्यूल के व्यवहारिक उपयोग से परिचित कराना और अनुमोदन प्रक्रियाओं में तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देना था।

डिजिटल नवाचार से कोयला क्षेत्र में क्रांति: कार्यशाला में अन्वेषण मॉड्यूल का लाइव प्रदर्शन

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कार्यशाला की अध्यक्षता अपर सचिव एवं नामित प्राधिकारी सुश्री रूपिंदर बरार ने की। उन्होंने मॉड्यूल की डिजिटल क्षमताओं को कोयला क्षेत्र में तेजी से बदलाव लाने वाला कदम बताते हुए हितधारकों से इस नवाचार को सक्रियता से अपनाने की अपील की। उनका कहना था कि डिजिटल प्लेटफॉर्म न केवल प्रक्रियाओं को पारदर्शी और समयबद्ध बनाते हैं, बल्कि जवाबदेही को भी संस्थागत रूप देते हैं।

सीएमपीडीआईएल की तकनीकी सहायता से सत्र में अन्वेषण मॉड्यूल का लाइव प्रदर्शन किया गया, जिसमें भूवैज्ञानिक रिपोर्ट, प्रगति रिपोर्ट, अनुपालन फाइलिंग और अंतिम अनुमोदन की संपूर्ण प्रक्रिया को डिजिटल प्रणाली के माध्यम से समझाया गया। प्रतिभागियों को मॉड्यूल की इंटरफेस, कार्यप्रवाह और उपयोग में आने वाली सूचनाओं की प्रस्तुति को प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर मिला। इससे हितधारकों को मॉड्यूल की दक्षताओं और संभावनाओं को लेकर अधिक स्पष्टता प्राप्त हुई।

डिजिटल अन्वेषण मॉड्यूल से कोयला मंत्रालय में पारदर्शिता और दक्षता की नई इबारत

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सत्र के दौरान उपस्थित कोयला ब्लॉक आवंटी, मान्यता प्राप्त अन्वेषण एजेंसियां और तकनीकी अधिकारी, मॉड्यूल की उपयोगकर्ता अनुकूलता और स्वचालित सुविधाओं से खासे प्रभावित दिखे। संवाद के खुले प्रारूप ने प्रतिभागियों को अपनी जमीनी समस्याएं सीधे मंत्रालय के अधिकारियों और विशेषज्ञों के समक्ष रखने का अवसर दिया, जिससे व्यावहारिक समाधान निकल कर सामने आए।

गौरतलब है कि यह अन्वेषण मॉड्यूल केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी द्वारा 4 जुलाई 2025 को लॉन्च किया गया था। यह पहल कोयला मंत्रालय की पारंपरिक मैन्युअल प्रणाली को डिजिटल स्वरूप देने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम है। मॉड्यूल में रियल-टाइम ट्रैकिंग, स्वचालित सूचना प्रवाह और समयबद्ध मंजूरी प्रक्रिया जैसी विशेषताएं शामिल हैं, जो समूची प्रक्रिया को दक्ष, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाती हैं। यह मॉड्यूल SWCS का अभिन्न हिस्सा है, जो पहले से ही खनन योजना, पर्यावरणीय स्वीकृति, खदान खोलने की अनुमति जैसे कई पहलुओं को एकीकृत डिजिटल पोर्टल के माध्यम से संचालित करता है। अब इसे राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (NSWS) और परिवेश 2.0 से भी जोड़ा जा रहा है, जिससे मंत्रालय के भीतर और अन्य मंत्रालयों के साथ सुगम समन्वय की दिशा में एक और मजबूत कदम रखा गया है।

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