नई दिल्ली/देहरादून (शिखर समाचार)
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से औपचारिक भेंट कर राज्य के बहुआयामी विकास से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और तकनीकी संभावनाओं से अवगत कराते हुए उत्तराखण्ड को विकसित भारत-2047 की दिशा में अग्रसर राज्य बनाने का खाका प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड की समृद्ध विरासत और विकास योजनाओं का तोहफा दिया
ALSO READ:https://hindi.news24online.com/state/up-uk/ghaziabad-health-department-36-camps-kavad-route/1252776/
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को न केवल उत्तराखण्ड की पारंपरिक विरासत के प्रतीक कार्तिक स्वामी मंदिर का प्रतिरूप और आदि कैलाश यात्रा पर आधारित विशेष कॉफी टेबल बुक भेंट की, बल्कि प्रदेश के विशिष्ट उत्पाद कनार का घी, पुरोला का लाल चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और स्थानीय शहद भी सौंपे। यह उपहार राज्य की जैविक समृद्धि और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बने। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बदरीनाथ केदारनाथ की तर्ज पर हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और चम्पावत स्थित शारदा कॉरिडोर के लिए भी अवस्थापना विकास की परियोजनाएं लागू करने का अनुरोध किया। उन्होंने इसके लिए कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत वित्तीय सहयोग सुनिश्चित कराने का आग्रह भी किया। उत्तराखण्ड को तकनीकी और औद्योगिक दृष्टि से उन्नत बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने ऊधमसिंह नगर के नेपा फार्म को सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग की। उन्होंने टनकपुर-बागेश्वर और ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं को भी तेज़ी से क्रियान्वित करने के लिए मार्ग निर्माण को प्राथमिकता में रखने की बात कही।
आगामी वर्ष 2026 में आयोजित होने जा रही ऐतिहासिक नंदा राजजात यात्रा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस पर्वतीय महाकुंभ में शामिल होने का आमंत्रण दिया और यात्रा मार्ग पर पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये की विशेष केंद्रीय सहायता की मांग रखी। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने वर्ष 2027 में प्रस्तावित हरिद्वार महाकुंभ की तैयारियों को लेकर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने पुलों की मरम्मत, पार्किंग, परिवहन, पेयजल, शौचालय, बिजली और पैदल पथ निर्माण जैसे कार्यों के लिए 3500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मांगी। ऋषिकेश और हरिद्वार में एचटी-एलटी विद्युत लाइनों को भूमिगत करने और विद्युत आपूर्ति को पूर्णतः स्वचालित करने हेतु 1015 करोड़ रुपये की डीपीआर को आरडीएसएस योजना में स्वीकृत करने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से किया।
मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया पुनर्स्थापन और पिंडर-कोसी लिंक परियोजना की प्रगति पर प्रकाश डाला
ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/petrol-pump-owner-found-dead-in-simbhaoli/
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल चौरासी कुटिया को पुराने वैभव में पुनर्स्थापित करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी दी और इस परियोजना को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से अनुमोदन दिलाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने पानी के संकट को दूर करने के लिए हिमनदी आधारित नदियों और वर्षा आधारित नदियों को जोड़ने की पिंडर-कोसी लिंक परियोजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से बागेश्वर, अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों के 625 गांवों के दो लाख से अधिक लोग पेयजल और सिंचाई की सुविधाओं से लाभान्वित होंगे। साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि 596 मेगावाट क्षमता वाली पांच जल विद्युत परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जाए ताकि प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बल मिल सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री से राज्य में चारधाम यात्रा, जल जीवन मिशन, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात और कुंभ जैसे महत्त्वपूर्ण आयोजनों की तैयारियों की जानकारी ली और आश्वस्त किया कि उत्तराखण्ड के विकास में केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।
