ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
गौतमबुद्धनगर के न्यायिक क्षेत्र में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक उत्सव का साक्षी बना, जब जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन ने जिला एवं सत्र न्यायालय के 27वें स्थापना दिवस को पूरे शान और गरिमा के साथ मनाया। सूरजपुर स्थित न्यायालय परिसर में आयोजित इस आयोजन ने जहां बीते वर्षों की न्यायिक यात्रा की स्मृतियों को ताजा किया, वहीं अधिवक्ताओं के योगदान को भी ससम्मान रेखांकित किया गया।
विशेष अवसर पर समारोह का शुभारंभ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमेंद्र सिंह भाटी एडवोकेट की अध्यक्षता में हुआ
इस विशेष अवसर पर समारोह का शुभारंभ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमेंद्र सिंह भाटी एडवोकेट की अध्यक्षता में हुआ, जबकि मंच संचालन सचिव अजीत नागर द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ताओं को शॉल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया गया और सामूहिक रूप से केक काटकर इस ऐतिहासिक दिवस का उत्सव मनाया गया। सभी अधिवक्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं साझा कीं।
अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी ने बताया कि जनपद न्यायालय की स्थापना 27 जून 1999 को किराए के भवन में महज छह अदालतों से हुई थी। प्रारंभ में गाजियाबाद और बुलंदशहर से आए लगभग सौ अधिवक्ताओं ने खुले आसमान के नीचे अपने विधिक कर्तव्यों की शुरुआत की थी। संघर्ष, समर्पण और सहयोग की इसी बुनियाद पर आज यह न्यायालय देश के अग्रणी जिला न्यायालय परिसरों में शामिल हो चुका है। वर्ष 2012 में सूरजपुर स्थित आधुनिक परिसर की स्थापना के साथ यह न्यायिक व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ हुई।
कार्यक्रम के दौरान अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए बार एसोसिएशन की विभिन्न योजनाओं का भी उल्लेख किया गया
कार्यक्रम के दौरान अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए बार एसोसिएशन की विभिन्न योजनाओं का भी उल्लेख किया गया। अध्यक्ष भाटी ने बताया कि अधिवक्ताओं के लिए क्रेच और महिला बार रूम का नक्शा तैयार हो चुका है, जिसे शीघ्र ही जिला जज के सहयोग से मूर्त रूप दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त चैंबर विहीन अधिवक्ताओं के लिए बहुमंजिला चैंबर निर्माण, अधिवक्ता स्वास्थ्य योजना और कमर्शियल कोर्ट तथा लारा कोर्ट की स्थापना को लेकर भी सतत प्रयास जारी हैं।
इस अवसर पर जिले के जाने-माने अधिवक्ता, पूर्व अध्यक्षगण, डीजीसी अधिकारी, युवा अधिवक्ता और महिला अधिवक्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंच पर मौजूद गणमान्यजनों में विशेष रूप से इंद्रवीर सिंह भाटी, राजेंद्र नागर, राव संजय भाटी, देवी शरण शर्मा, चरणजीत नागर, सुशील भाटी, गजराज नागर, अजीत भाटी, सुंदर भाटी, नीरज भाटी, शिवा त्यागी, नीरज चौहान, राखी छोकर, हेमा प्रजापति सहित अनेक वरिष्ठ व नवागत अधिवक्ताओं की उपस्थिति ने आयोजन को ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान किया।