गाजियाबाद (शिखर समाचार)
आईटीएस मोहन नगर गाजियाबाद द्वारा शिक्षा जगत में एक ऐतिहासिक अध्याय जोड़ते हुए शुक्रवार 25 जुलाई को अपने परिसर के चाणक्य ऑडिटोरियम में प्रतिष्ठित कृष्ण लाल चड्ढा मेमोरियल लेक्चर श्रृंखला का प्रथम आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न किया। इस गरिमामय अवसर पर देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रख्यात संवैधानिक विचारक राम नाथ कोविंद ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की और विजन 2047 विकसित भारत के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विषय पर अपने सारगर्भित विचार साझा किए।
श्री कोविंद का शिक्षा में नैतिकता और संवेदना पर जोर, स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष का संकल्प
श्री कोविंद ने कहा कि आज़ादी के शताब्दी वर्ष तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखने का सपना तभी साकार हो सकता है, जब हमारी शिक्षा प्रणाली केवल ज्ञान नहीं, बल्कि संवेदना, कर्तव्यबोध और नैतिक मूल्यों का समावेश करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह सामाजिक उत्तरदायित्व और नागरिक चेतना को भी पोषित करे।
कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति श्री कोविंद के साथ आईटीएस के चेयरमैन डॉ. आर पी चड्ढा, वाइस चेयरमैन सोहिल चड्ढा, शिक्षाविद डॉ. पवन सिन्हा गुरुजी, प्रो. डॉ. राकेश कुमार खांडल एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभागिता की। इस अवसर पर डॉ. चड्ढा द्वारा श्री कोविंद को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया और स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।
प्रेरणा, सम्मान और शिक्षा: आईटीएस में संवेदनशील नेतृत्व का जश्न
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कार्यक्रम में कृष्ण लाल चड्ढा जी के प्रेरणास्रोत जीवन पर एक विशेष ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति भी प्रदर्शित की गई, जिसने उपस्थितजनों को भावुक कर दिया। डॉ. पवन सिन्हा ने श्री कोविंद के व्यक्तित्व की विनम्रता और उदारता की सराहना करते हुए उन्हें संवेदनशील नेतृत्व का प्रतीक बताया। वहीं, प्रो. डॉ. राकेश कुमार खांडल ने पूर्व राष्ट्रपति के साथ बिताए गए अनुभवों को अनमोल स्मृति बताया।
आईटीएस के चेयरमैन डॉ. आर पी चड्ढा ने इसे संस्था के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान शिक्षा के क्षेत्र में आदर्शों की पुनर्स्थापना का कार्य करते हैं। वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा ने इसे संस्थान के लिए एक नई दिशा और ऊर्जा देने वाला आयोजन बताया, वहीं सोहिल चड्ढा ने इसे आईटीएस के शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाने के सतत प्रयास का प्रतीक बताया। इस विशिष्ट अवसर पर चड्ढा परिवार के सदस्य, संस्थान के विभिन्न संकायों के निदेशकगण, शिक्षाविद, छात्र-छात्राएं एवं अन्य गणमान्य अतिथि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
