यमुना RIVER की सेहत पर केंद्र गंभीर : Home Minister Amit Shah की अगुवाई में प्लान तैयार, 2028 तक 1500 MGD ट्रीटमेंट का टारगेट

Rashtriya Shikhar
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home minister amit shah. IMAGE CREDIT TO PIB

नई दिल्ली (शिखर समाचार)
देश की राजधानी से होकर बहती यमुना नदी अब सियासत नहीं, सुधार के एजेंडे पर है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में यमुना पुनर्जीवन पर एक हाईलेवल समीक्षा बैठक की अगुवाई करते हुए साफ कहा कि अब बात नहीं, कार्रवाई चाहिए। उन्होंने सीधे निर्देश दिए कि राजधानी की जीवनरेखा कही जाने वाली यमुना को जिंदा रखने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता को 2028 तक 1500 MGD तक बढ़ाना अनिवार्य है।

बैठक में जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्र-राज्य के तमाम बड़े अफसर मौजूद थे।

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अमित शाह ने साफ किया कि यमुना में सिर्फ पानी नहीं, ई-फ्लो यानी लगातार बहता प्रवाह ज़रूरी है, जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार से मिलकर ठोस समाधान निकाला जाए। साथ ही ओखला से निकले उपचारित जल को डाउनस्ट्रीम में छोड़े जाने का भी स्पष्ट निर्देश दिया ताकि जल गुणवत्ता में असली सुधार दिखे।

शाह ने दिल्ली जल बोर्ड को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि बिना सोचे-समझे किए गए बोरवेल अब बर्दाश्त नहीं होंगे। शहर के हर घर तक पानी की पहुंच के लिए एक विस्तृत सर्वे कराने का आदेश भी बैठक में दिया गया ताकि कोई मोहल्ला पीछे न छूटे और एक समग्र जल आपूर्ति प्लान सामने आ सके।

दिल्ली सरकार को आगाह किया कि औद्योगिक इकाइयों से बहकर आ रहा जहरीला पानी

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बैठक में उन्होंने दो टूक कहा कि नजफगढ़ और शाहदरा ड्रेनों में BOD स्तर सुधारने की दिशा में काम तेजी से बढ़ाया जाए और ड्रोन सर्वे कराकर असली हालात की तस्वीर सामने लाने की जरूरत है। शाह ने दिल्ली सरकार को आगाह किया कि औद्योगिक इकाइयों से बहकर आ रहा जहरीला पानी यमुना की सबसे बड़ी दुश्मन बन गया है। इसे रोकना होगा, वरना दिल्ली का जल संकट और गहराएगा।

साथ ही उन्होंने कहा कि डेयरी और गौशालाओं से निकलने वाले अपशिष्ट के निपटान के लिए दिल्ली सरकार को अब राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के साथ मिलकर ज़मीन पर ठोस कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। अनधिकृत डेयरियों पर भी विशेष अभियान चलाने की बात उन्होंने खास तौर पर दोहराई।

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