Brijghat में नाव संचालन पर संकट : घायल श्रद्धालु की शिकायत के बाद असमंजस में प्रशासन, कांवड़ मेले में व्यवस्था पर सवाल

Rashtriya Shikhar
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Brijghat Boat Row: Pilgrim Hurt, Admin Under Fire IMAGE CREDIT TO REPORTER

गढ़मुक्तेश्वर/हापुड़ (शिखर समाचार)।
पवित्र ब्रजघाट घाट पर सावन के महीने में श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती भीड़ के बीच नाव संचालन को लेकर अब असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई है। हाल ही में स्नान के दौरान एक श्रद्धालु के नाव से टकराकर घायल होने की घटना के बाद नगर पालिका प्रशासन हरकत में आ गया है और फिलहाल पालिका से अनुमति प्राप्त नावों के संचालन पर अस्थायी रूप से रोक लगाने पर विचार किया जा रहा है।

ब्रजघाट में श्रद्धालु से नाव टकराने की घटना के बाद अस्थायी रूप से नाव संचालन पर रोक का प्रस्ताव

ब्रजघाट पर हर वर्ष सावन में लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान और कांवड़ यात्रा के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान यहां नाविकों की आजीविका भी इन्हीं यात्रियों पर निर्भर रहती है। नगर पालिका, गढ़मुक्तेश्वर द्वारा नियमों और शर्तों के तहत कुछ नावों को वैध अनुमति दी गई है, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित जल सेवा दी जा सके।

लेकिन बीते दिनों स्नान कर रहे एक श्रद्धालु से नाव टकरा गई, जिससे वह घायल हो गया। इस घटना के बाद नगर पालिका के अधिकारियों को शिकायत मिली, जिस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए उन्होंने नाविकों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया कि कुछ समय के लिए सभी नावों का संचालन रोका जाए, ताकि भविष्य में कोई और अप्रिय घटना न हो।

नाव संचालन पर रोक के प्रस्ताव से नाराज़ नाविक, आजीविका पर संकट

हालांकि इस प्रस्ताव पर नाविक समुदाय पूरी तरह सहमत नहीं है। उनका कहना है कि अगर कांवड़ मेले के दौरान नाव संचालन बंद किया गया, तो इससे उनकी आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा। ऐसे में फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि कांवड़ मेला शुरू होने तक नावों का संचालन होगा या नहीं।

प्रशासन और नगर पालिका दोनों ही सुरक्षा के मद्देनजर बेहद सतर्क हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की सुविधा और नाविकों की रोज़ी-रोटी के बीच संतुलन बनाना इस समय सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। आगामी दिनों में उच्चस्तरीय बैठक के बाद ही तय हो सकेगा कि कांवड़ मेले के दौरान ब्रजघाट पर नावें चलेंगी या नहीं। श्रद्धालुओं और स्थानीय नाविकों की निगाहें अब प्रशासन के अगले फैसले पर टिकी हैं।

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