OPERATION TALAASH की बड़ी सफलता : साइबर ठगों के मददगार अन्तर्राज्यीय नेटवर्क का खुलासा, पांच गिरफ्तार, मोबाइल-सिम-डेबिट कार्ड समेत कई अहम दस्तावेज बरामद

Rashtriya Shikhar
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Operation Talaash's big success. IMAGE CREDIT TO POLICE

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
साइबर ठगी की परतें एक-एक कर खुलती जा रही हैं और सूरजपुर पुलिस ने ऑपरेशन तलाश के तहत ऐसे ही एक खतरनाक नेटवर्क पर सर्जिकल वार करते हुए अन्तर्राज्यीय गैंग का भंडाफोड़ कर दिया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने ऐसे पांच लोगों को गिरफ्तार किया है जो देशभर में सक्रिय साइबर अपराधियों को बैंक खाता, डेबिट कार्ड और एक्टिव सिम कार्ड मुहैया कराते थे। इस गिरोह का मकसद तकनीक की आड़ में वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम देना था, जिसकी जड़ें मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक फैली हुई थीं।

सुनियोजित साइबर ठगी का भंडाफोड़, बैंक खातों के जरिए क्रिप्टो में बदलते थे ठगी की रकम

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पुलिस की मैनुअल इंटेलिजेंस और पुख्ता सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में यह सामने आया कि गिरफ्तार अभियुक्त साइबर ठगों को बैंक खाताधारकों की पूरी जानकारी और उनके खातों से लिंक सिम कार्ड तक पहुंच दिलवाते थे। रिमोट एक्सेस ऐप्स के जरिए ये डेटा ठगों के पास पहुंचता और ठगी के शिकार लोगों से निकली रकम इन्हीं खातों में ट्रांसफर होती। बदले में ये आरोपी प्रति बैंक खाता करीब 15000 रुपये की मोटी रकम कमाते थे। इसके लिए खाताधारकों को महज 1 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर उन्हें अपने जाल में फंसा लेते थे।

अवैध रूप से कमाई गई रकम को गिरोह के सदस्य कई खातों में घुमा-फिराकर आखिरकार क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदल देते थे ताकि ट्रेसिंग से बचा जा सके। इस पूरे गोरखधंधे को बेहद सुनियोजित ढंग से संचालित किया जा रहा था।

साइबर ठगी नेटवर्क के पांच आरोपी गिरफ्तार, डिजिटल सबूत भी बरामद

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पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े जिन पांच आरोपियों को दबोचा है, उनमें चनप्रीत सिंह (भोपाल), रणवीर सिंह (भोपाल), जगमोहन धाकड़ (विदिशा), नवीन (विदिशा) और आदित्य शर्मा (दिल्ली) शामिल हैं। ये सभी देशभर में साइबर फ्रॉड करने वाले नेटवर्क से जुड़े हुए थे और तकनीकी सहयोगियों की भूमिका निभा रहे थे।

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने पांच मोबाइल फोन, आठ सिम कार्ड, सात डेबिट कार्ड, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और एक चेकबुक बरामद की है, जो इस नेटवर्क की गतिविधियों की पुख्ता गवाही दे रहे हैं।

डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम को 25000 नकद इनाम देकर प्रोत्साहित किया है।
इस मामले ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल अपराधियों को संरक्षण देने वाले नेटवर्क समाज में कितनी गहराई तक जड़ें जमा चुके हैं। हालांकि पुलिस की तत्परता और तकनीकी पकड़ ऐसे अपराधियों के लिए खतरे की घंटी साबित हो रही है।

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