पैसे का गुलाम मत बनो, समझदारी से इस्तेमाल करो, शारदा विश्वविद्यालय में बोले Ankur Warikoo, युवाओं को दिया खुद पर भरोसे का मंत्र

Rashtriya Shikhar
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Don't Be a Slave to Money, Use It Wisely IMAGE CREDIT TO SHARDA UNIVERSITY

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)।
अगर देश को उन्नति के शिखर पर पहुँचाना है, तो युवाओं को अपने कंधों पर ज़िम्मेदारी उठानी होगी। आत्मविश्वास, मेहनत और समय की कद्र यही है वह मंत्र, जो प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता, इंटरनेट उद्यमी और देश के प्रमुख विचार प्रेरक अंकुर वारिकू ने शारदा विश्वविद्यालय में छात्रों को दिया।

वारिकू का मंत्र: खुद को समझो, सीमाओं से बाहर सोचो और निवेश की दिशा पकड़ो

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सोशल मीडिया पर लगभग डेढ़ करोड़ अनुयायियों वाले वारिकू ने स्पष्ट कहा कि अगर आप अपनी अहमियत नहीं समझेंगे, तो देश भी आपके सामर्थ्य को नहीं पहचानेगा। नए कमाई के उपाय खोजिए, कभी परिश्रम बंद मत कीजिए और सही दिशा में धन लगाना सीखिए।

उन्होंने विद्यार्थियों को अपने जीवन की यात्रा बताई कि कैसे उन्होंने अमेरिका में उच्च शोध की पढ़ाई बीच में छोड़ी, फिर भारतीय प्रबंधन संस्थान से प्रबंध शास्त्र की पढ़ाई की और परामर्श सेवा क्षेत्र से अपने कार्यक्षेत्र की शुरुआत की। उन्होंने बल देकर कहा कि केवल नौकरी तक सीमित रहना उन्नति नहीं है। कुछ लोग मासिक वेतन से संतुष्ट रहते हैं, वहीं कुछ धन निवेश में सतत सक्रिय रहते हैं यही सोच सफलता और सामान्यता के बीच अंतर बनाती है।

धन दिखावे का नहीं, स्थिरता का माध्यम है: वारिकू

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वारिकू ने गंभीर लहजे में कहा कि धन का उद्देश्य दिखावा या प्रतिष्ठा नहीं होता, बल्कि वह जीवन में स्थिरता प्रदान करता है। हमें पैसों का गुलाम नहीं, बल्कि समझदार उपयोगकर्ता बनना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि जो विकास लोग उनके सामाजिक मंचों पर देखते हैं, वह रातोंरात नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जब कोई आप पर भरोसा करे, तो स्वयं पर भी विश्वास रखना सीखिए। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि जहाँ लाखों लोग अपना जीवन वेतन में एक अंक जोड़ने में बिता देते हैं, वहीं सोच और रणनीति के बल पर असाधारण प्रगति संभव है।

छात्रों ने जब प्रश्न पूछे, तो वारिकू ने उन्हें धन निवेश के मूल सूत्र, जोखिम उठाने की समझ और दीर्घकालिक सोच का महत्व बताया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सिबाराम खारा, सह कुलपति डॉ. परमानंद, डॉ. राजीव गुप्ता, डॉ. आर.सी. सिंह, डॉ. अन्विति गुप्ता समेत सभी विभागों के अध्यक्ष, अधिष्ठाता एवं शिक्षण स्टाफ मौजूद रहे।

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