गाज़ियाबाद (शिखर समाचार) तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा देने के उद्देश्य से अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज (एकेजीईसी) में सोमवार 8 सितम्बर से छह दिवसीय अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आगाज़ हुआ। इस विशेष कार्यशाला का विषय जनरेटिव एआई फॉर होलिस्टिक हेल्थकेयर: स्मार्ट एनालिटिक्स फॉर ह्यूमन्स एंड क्रॉप्स रखा गया है, जिसके अंतर्गत प्रतिभागियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदलती दुनिया और इसके चिकित्सा तथा कृषि क्षेत्र में नवोन्मेषी उपयोग से अवगत कराया जाएगा।
जनरेटिव एआई: स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार, डॉ. कुमार राजामनी का अहम बयान
कार्यक्रम का संचालन प्रो. (डॉ.) अमिता देव, सलाहकार, एकेजीईसी के निर्देशन में हुआ। उद्घाटन सत्र में देश-विदेश से जुड़े नामचीन विशेषज्ञों और विद्वानों ने अपने विचार साझा किए। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. कुमार राजामनी ने कहा कि जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं को न केवल अधिक सुलभ बनाएगा बल्कि कृषि क्षेत्र को भी नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने इसे मानव कल्याण की एक बड़ी संभावित शक्ति करार दिया।
गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. जसविंदर सिंह ने चिकित्सा विज्ञान और कृषि दोनों ही क्षेत्रों में जनरेटिव एआई की प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह तकनीक खेती से लेकर इलाज तक, हर स्तर पर दक्षता और गुणवत्ता को बढ़ाने में सक्षम है। वहीं कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अनु चौधरी ने सभी प्रतिभागियों और फैकल्टी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की उपयोगिता पर जोर दिया और कहा कि ऐसे आयोजन ही भविष्य की शैक्षणिक और शोधपरक दिशा तय करते हैं।
निदेशक और महानिदेशक ने अटल अकादमी की सराहना करते हुए निरंतर अकादमिक गतिविधियों की प्रतिबद्धता जताई
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निदेशक और महानिदेशक ने भी अपने संबोधन में इस प्रकार की अकादमिक गतिविधियों को निरंतर आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की तथा एआईसीटीई प्रायोजित अटल अकादमी के प्रति आभार जताया। कार्यक्रम का औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रो. इंदरजीत कौर, संयोजक अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, ने प्रस्तुत किया।
उद्घाटन दिवस पर कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापकों, प्रोफेसर-इन-चार्ज और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी गरिमामय बना दिया। प्रतिभागियों के लिए यह पहला सत्र न केवल बौद्धिक दृष्टि से समृद्ध रहा बल्कि भविष्य की तकनीकी संभावनाओं को नजदीक से समझने का भी एक अनूठा अवसर प्रदान कर गया।