ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। नॉलेज पार्क स्थित शारदा अस्पताल में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की उपलब्धियों और चुनौतियों पर केंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य क्षेत्र के वरिष्ठ पेशेवर, नीति निर्धारक, प्रशासनिक अधिकारी और कई सरकारी प्रतिनिधि शामिल हुए। मंच पर यह विचार रखा गया कि इस योजना का मूल लक्ष्य गरीब और कमजोर वर्गों को गुणवत्तापूर्ण तथा किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है और इसके लिए निरंतर सुधार की आवश्यकता है।
एबी-पीएमजेएवाई को सशक्त बनाने की पहल
सम्मेलन के दौरान लाभार्थियों का पंजीकरण, अस्पतालों के बीच बेहतर समन्वय, स्वास्थ्य पैकेजों की सहज उपलब्धता तथा योजना के संभावित दुरुपयोग को रोकने के उपायों पर गहन चर्चा की गई। मुख्य अतिथि रिटायर्ड एयर मार्शल डॉ. पवन कपूर, जो एनएबीएच की स्टीयरिंग कमिटी के चेयरमैन भी हैं, ने अपने संबोधन में कहा कि यह सम्मेलन एबी-पीएमजेएवाई के मूल उद्देश्यों को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने स्वीकार किया कि निजी अस्पतालों में इस योजना को लागू करना कठिन है, लेकिन शारदा अस्पताल ने सेवा भावना और समर्पण के साथ उल्लेखनीय कार्य किया है।
शारदा ग्रुप के चेयरमैन पीके गुप्ता ने प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य विजन को सराहते हुए कहा कि इस योजना से देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नई उम्मीद मिली है। उन्होंने बताया कि शारदा अस्पताल ने शुरुआत से ही बेहद सुलभ दरों पर इलाज उपलब्ध कराया है और अब तक लगभग 25 हजार मरीज आयुष्मान योजना के तहत उपचार पा चुके हैं। गुप्ता ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में योगदान देना ही सबसे बड़ी जनसेवा है और हमारा संकल्प है कि सीमित संसाधनों में भी मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मुहैया कराया जाए।
जनसेवा ही परम धर्म: सम्मेलन से तय होगी स्वास्थ्य सेवाओं की नई दिशा
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उन्होंने आगे कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने जनसेवा को सर्वोच्च धर्म बताया है और हम उसी पथ पर चल रहे हैं। इस सम्मेलन से न केवल चिकित्सकों और छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिलेगा बल्कि देश को स्वास्थ्य सेवाओं की नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा भी तय होगी।
इस अवसर पर रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ. अतुल कोटवाल, प्रो-चांसलर वाइके गुप्ता, सीईओ प्रशांत गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राममूर्ति शर्मा समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। सम्मेलन के पहले दिन हुई चर्चाओं से साफ झलक रहा था कि योजना की सफलता के लिए सभी पक्षों का सहयोग और समय पर सुधार बेहद जरूरी है। अगले सत्रों में भी विभिन्न विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे और देश में स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा को नई दृष्टि देंगे।
