तुलसी निकेतन योजना में जीर्णोद्धार पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण लाएगा री-डेवलपमेंट प्लान, सभी आवंटियों से ली जाएगी सहमति

Rashtriya Shikhar
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In the Tulsi Niketan Scheme, the Ghaziabad Development Authority will bring in a redevelopment plan for the renovation, with consent to be obtained from all allottees IMAGE CREDIT TO AUTHORITY

गाजियाबाद (शिखर समाचार)
गाजियाबाद में तुलसी निकेतन योजना के जर्जर भवनों का जल्द ही री-डेवलपमेंट होने जा रहा है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने ऐलान किया है कि योजना को नए सिरे से विकसित करने की तैयारी तेज कर दी गई है। उपाध्यक्ष अतुल वत्स की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि प्राधिकरण सभी आवंटियों से सहमति पत्र लेकर आगे बढ़ेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि योजना में रह रहे किसी भी परिवार को आवासहीन नहीं किया जाएगा।

स्वामित्व का स्पष्ट संदेश

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बैठक में खुलासा हुआ कि योजना में 503 भवन फिलहाल बंद पड़े हैं। इन भवनों की सूची अखबारों में प्रकाशित की जाएगी, साथ ही नोटिस चस्पा कर आवंटियों से स्वामित्व संबंधी दस्तावेज मांगे जाएंगे। साफ कहा गया है कि यदि आवंटियों ने समय पर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए तो भविष्य में किसी प्रकार का स्वामित्व दावा मान्य नहीं होगा।

योजना में इस समय 288 एलआईजी, 2004 ईडब्ल्यूएस भवन और 64 दुकानें शामिल हैं जो जर्जर हालत में हैं। इन्हीं के जीर्णोद्धार के लिए यह पूरी योजना बनाई गई है। उपाध्यक्ष ने निर्देश दिया कि दो दिन के भीतर स्थल पर कार्यालय स्थापित कर स्टाफ की तैनाती की जाए और विस्तृत सर्वे रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।

आवंटियों के अधिकारों की सुरक्षा

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प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा आवंटियों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए पूरी कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इसके लिए विधिक विशेषज्ञों और सनदी लेखाकार से प्रतिपरीक्षण के बाद प्रारूप तैयार कराया जाएगा।

503 बंद भवनों पर नोटिस चस्पा कर सूचना का प्रकाशन कराया जाएगा, पैम्पलेट लगाए जाएंगे और पूरी कार्रवाई का फोटो रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाएगा। साथ ही यह जानकारी प्राधिकरण की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी साझा की जाएगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि री-डेवलपमेंट के बाद मौजूदा भवनों की तुलना में अधिक आवासीय और व्यावसायिक भवनों का निर्माण होगा, ताकि सभी आवंटियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और कोई भी परिवार अपना घर न खोए।

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