गाजियाबाद (शिखर समाचार)|
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने आईजीआरएस (IGRS) और हेल्पलाइन पोर्टल से मिलने वाली शिकायतों के निस्तारण को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। शनिवार 20 सितंबर 2025 को प्राधिकरण कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कड़ी जवाबदेही और पारदर्शिता
बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि हर रोज कम से कम पांच प्रकरणों की रेंडम चेकिंग अनिवार्य होगी और मौके की फोटो अपलोड की जाएगी। यदि किसी अधिकारी ने गलत या भ्रामक जवाब दिया तो उसके वेतन रोकने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं पोर्टल की समीक्षा करते हैं, इसलिए जवाबदेही सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है।
समीक्षा बैठक में यह भी तय हुआ कि हर शिकायत में स्थल निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाएगा और जीपीएस युक्त फोटो संलग्न की जाएगी। भविष्य में यदि शिकायत का समाधान संतोषजनक न पाया गया या गुणवत्ता में कमी रही तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। उपाध्यक्ष ने हेल्पलाइन पोर्टल से प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से न लेने पर भी नाराजगी जताई और चेतावनी दी कि जनता से जुड़े मामलों में किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
प्रशासन में सुधार की दिशा
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उन्होंने ओएसडी राजीव रतन सिंह को प्रशासनिक कार्यों को और अधिक गंभीरता एवं सावधानी से संचालित करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी अधिशासी अभियंताओं को नियमित बैठकें करने और आईजीआरएस प्रकरणों के निस्तारण की गुणवत्ता की समीक्षा करने को कहा।
उपाध्यक्ष ने कहा कि शासन और डीएम कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप ही निस्तारण की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने दोहराया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जनता की समस्याओं और शिकायतों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। यदि कहीं भी लापरवाही पाई गई तो तत्काल कार्यवाही की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
