एंबुलेंस बनी जिंदगी की डोर, रास्ते में ही महिला ने शिशु को दिया जन्म

Rashtriya Shikhar
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Ambulance Became a Lifeline: Woman Gave Birth to Baby on the Way IMAGE CREDIT TO Community Health Center

हापुड़ (शिखर समाचार)। बहादुरगढ़ क्षेत्र में इंसानियत और सेवाभाव की मिसाल उस वक्त देखने को मिली, जब प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाते समय एंबुलेंस ही प्रसव कक्ष बन गई। ईएमटी, चालक और आशा कार्यकर्ता की सतर्कता व हिम्मत से महिला ने सुरक्षित बच्चे को जन्म दिया। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।

रास्ते में बनी एंबुलेंस प्रसव कक्ष, परिजनों की बढ़ी राहत

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जानकारी के अनुसार बहादुरगढ़ के गांव चांदनेर निवासी महताब अली की पत्नी रोशनी को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। परिजन तत्काल एंबुलेंस बुलाकर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरगढ़ लेकर जा रहे थे। मगर बीच रास्ते में ही दर्द असहनीय हो गया और महिला की हालत बिगड़ने लगी। स्थिति को देखते हुए ईएमटी उमा रानी और चालक धर्मेंद्र ने आशा कार्यकर्ता बीना के सहयोग से एंबुलेंस को ही अस्थायी प्रसव कक्ष में बदल दिया।

तत्काल कार्रवाई और टीमवर्क से सुरक्षित हुआ प्रसव, मां-बच्चा दोनों स्वस्थ

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तत्काल सूझबूझ और टीम वर्क का नतीजा रहा कि प्रसव प्रक्रिया सफल रही और महिला ने सुरक्षित शिशु को जन्म दिया। इसके बाद मां और नवजात को सीएचसी पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने दोनों की हालत सामान्य बताई। एंबुलेंस सेवा प्रभारी सौरभ कुमार ने पूरी टीम की कार्यकुशलता की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं सेवाओं की सच्ची ताकत और प्रशिक्षित स्टाफ की गंभीरता को उजागर करती हैं। वहीं परिजनों ने भी स्टाफ के मानवीय रवैये और त्वरित सहायता के लिए आभार जताया और कहा कि एंबुलेंस कर्मियों ने परिवार की चिंता को राहत में बदल दिया।

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