मेरठ (शिखर समाचार) आगामी त्यौहारों बारावफात और गणेशोत्सव मूर्ति विसर्जन को शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराने के लिए मेरठ परिक्षेत्र की पुलिस ने व्यापक स्तर पर सुरक्षा इंतज़ाम कर लिए हैं। संवेदनशील स्थानों की पहचान से लेकर पीस कमेटियों की बैठक तक, हर स्तर पर कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने की कार्ययोजना लागू कर दी गई है।
बारावफात पर कड़ी सुरक्षा: 1672 पुलिसकर्मी तैनात, 35 जुलूस और 11 मजलिसों की सख्त निगरानी
बारावफात के अवसर पर परिक्षेत्र में कुल 1672 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें 05 अपर पुलिस अधीक्षक, 23 सीओ, 65 निरीक्षक, 300 उपनिरीक्षक, 482 मुख्य आरक्षी, 505 आरक्षी, 340 होमगार्ड/पीआरडी व एक कंपनी पीएसी शामिल है। इस मौके पर कुल 35 जुलूस और 11 मजलिस आयोजित होंगी, जिनमें मेरठ से 5 जुलूस व 6 मजलिस, बुलन्दशहर से 28 जुलूस व 3 मजलिस और हापुड़ से 2 जुलूस व 2 मजलिस निकाले जाएंगे। परिक्षेत्र में 34 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस ने पीस कमेटियों, धर्मगुरुओं और संभ्रांत नागरिकों के साथ 113 बैठकों का आयोजन किया है, जबकि नगर निगम, स्वास्थ्य व विद्युत विभाग जैसे अन्य विभागों के साथ भी उतनी ही गोष्ठियां की गई हैं। आयोजकों के साथ 92 विशेष बैठकें भी हो चुकी हैं।
वहीं गणेशोत्सव मूर्ति विसर्जन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और अधिक सघन की गई है। इस अवसर पर 1753 पुलिस बल तैनात रहेगा, जिसमें 06 अपर पुलिस अधीक्षक, 23 सीओ, 59 निरीक्षक, 318 उपनिरीक्षक, 482 मुख्य आरक्षी, 530 आरक्षी, 335 होमगार्ड/पीआरडी और 02 प्लाटून पीएसी शामिल होंगे। विसर्जन के लिए परिक्षेत्र में कुल 32 घाट तय किए गए हैं, जिन पर 144 प्रतिमाएं विसर्जित की जाएंगी। मेरठ में 7 घाटों पर 44 मूर्तियां, बुलन्दशहर में 12 घाटों पर 32 मूर्तियां, बागपत में 10 घाटों पर 54 मूर्तियां और हापुड़ में 3 घाटों पर 14 मूर्तियों का विसर्जन होगा। इसके साथ ही परिक्षेत्र में 185 शोभायात्राएं निकाली जाएंगी, जिनकी संख्या मेरठ में 56, बुलन्दशहर में 45, बागपत में 68 और हापुड़ में 16 होगी। इस दौरान 115 हॉटस्पॉट, 24 जोन, 81 सेक्टर और 52 क्यूआरटी भी तैयार की गई हैं।
डीआईजी कलानिधि नैथानी के सख्त निर्देश: बारावफात की सुरक्षा के लिए सतर्कता और तकनीकी निगरानी पर जोर
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डीआईजी रेंज मेरठ कलानिधि नैथानी ने त्यौहारों को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सभी जनपद प्रभारियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि जुलूसों और मजलिस के मार्गों का भौतिक निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाए, तारों और अन्य बाधाओं को हटवाया जाए और छतों पर ऐसी कोई वस्तु न रहे जिससे माहौल बिगड़ सके। साथ ही चौकी स्तर तक पीस कमेटियों की बैठक कर कंटीन्जेंसीज प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि संवेदनशील स्थानों पर स्थायी मजिस्ट्रेट और पुलिस पिकेट की तैनाती हो, सभी प्रमुख आयोजन स्थलों को सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों से मॉनिटर किया जाए और सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर सख्ती से नज़र रखी जाए।
डीआईजी ने यह भी स्पष्ट किया कि गणेशोत्सव के दौरान घाटों पर भीड़ अधिक रहती है, ऐसे में मूर्ति विसर्जन स्थलों की बैरिकेडिंग, गोताखोरों की व्यवस्था और पर्याप्त प्रकाश की सुविधा सुनिश्चित की जाए। बारावफात पर आतिशबाजी से आगजनी और जनहानि की आशंका को देखते हुए विशेष सतर्कता रखने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस बल को हेलमेट और बॉडी प्रोटेक्टर से लैस कर क्लस्टर व्यवस्था के अंतर्गत तैनात किया जाएगा।
सुरक्षा और शांति बनाए रखने की इस व्यापक योजना से प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में माहौल बिगाड़ने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।