गौतमबुद्धनगर (शिखर समाचार)
जनपद की बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मेधा रूपम की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक का केंद्रबिंदु रहा रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिसके तहत जिले के सभी राजकीय विद्यालयों में बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने की तैयारी को अंतिम रूप दिया गया।
विद्यालयों में प्रशिक्षित प्रशिक्षकों की तैनाती अनिवार्य, छात्राओं के मानसिक व शारीरिक सशक्तिकरण के लिए समयबद्ध प्रशिक्षण अभियान शुरू होगा
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक विद्यालय में प्रशिक्षित व योग्य प्रशिक्षकों की नियुक्ति कराई जाए और समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर प्रशिक्षण की शुरुआत की जाए। उन्होंने कहा कि यह पहल सिर्फ शारीरिक प्रशिक्षण तक सीमित न रहकर मानसिक मजबूती और आत्मविश्वास बढ़ाने का भी माध्यम बनेगी। छात्राओं को इस दौरान साहसिक परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता विकसित करने के साथ-साथ कानूनी अधिकारों और सुरक्षा उपायों से भी अवगत कराया जाएगा।
जिलाधिकारी का आदेश: शिक्षा, खेल और पुलिस विभाग मिलकर बनाएं आत्मरक्षा प्रशिक्षण को स्कूल पाठ्यक्रम का स्थाई हिस्सा
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बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी जोर दिया कि शिक्षा विभाग, खेल विभाग और पुलिस विभाग आपसी तालमेल के साथ इस कार्यक्रम को संचालित करें ताकि प्रशिक्षण का लाभ अधिक से अधिक बालिकाओं तक पहुँच सके। उन्होंने कहा कि विद्यालय स्तर पर तयशुदा समय सारणी बनाकर आत्मरक्षा प्रशिक्षण को पाठ्यचर्या का नियमित हिस्सा बनाया जाए, जिससे यह गतिविधि औपचारिकता भर न रह जाए बल्कि छात्राओं की दिनचर्या का अहम भाग बन सके। साथ ही उन्हें महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, 112 और 181 सहित अन्य त्वरित मदद के साधनों के प्रयोग की जानकारी दी जाए, ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में निडर होकर कदम उठा सकें।

इस अवसर पर एसीपी हैडक्वार्टर कल्पना गुप्ता, खेल विभाग के वरिष्ठ कोच डॉ. परवेज अली, शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक गौरव त्यागी, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बादलपुर की प्रधानाचार्य डॉ. छवि सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपने सुझाव भी साझा किए।