मेरठ (शिखर समाचार) ग्राम पंचायत सरूरपुर खुर्द रविवार को देशभक्ति और उत्साह से सराबोर दिखाई दी। यहां भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नेतृत्व में ग्रामवासियों ने विशाल तिरंगा यात्रा निकाली। लगभग पचास ट्रैक्टर और पचास चारपहिया वाहनों का काफिला जब गाँव की गलियों से गुज़रा तो हर तरफ भारत माता की जय और वंदे मातरम् के जयघोष गूंजते रहे। यात्रा का नेतृत्व वैध सुरेश पूनिया ने किया और इसमें ग्रामीणों ने पूरे उत्साह से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
किसान यूनियन में नए नेतृत्व के साथ संगठनात्मक मजबूती और जनहित की नई पहल
यात्रा सम्पन्न होने के बाद आयोजित सभा में संगठनात्मक विस्तार की घोषणा की गई। चौधरी देवेंद्र पूनिया के मार्गदर्शन और युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष आकाश सिरोही के निर्देश पर ज्ञानेंद्र चौधरी को तहसील अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके साथ ही पदाधिकारियों ने अरविन्द को ग्राम अध्यक्ष नियुक्त कर संगठन को मजबूत आधार प्रदान करने का संदेश दिया। मंच संचालन का दायित्व पंडित आदेश फौजी ने संभाला, जिन्हें ग्रामवासियों ने विशेष आग्रह कर इस भूमिका में आमंत्रित किया था।
सभा के दौरान युवा नेता शुभम पूनिया ने मंचासीन सभी अतिथियों का पारंपरिक सम्मान करते हुए उन्हें पटका पहनाया। वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) किसानों, मजदूरों और वंचितों की समस्याओं को मुखरता से उठाने वाला सबसे मज़बूत मंच बनेगा। उनका कहना था कि आने वाले समय में संगठन हर उस आवाज़ को ताकत देगा, जिसे अब तक अनसुना किया गया।
गांव से उठी एकजुटता की आवाज़: किसान यूनियन के कार्यक्रम में देशभक्ति और सामाजिक संकल्प की झलक
कार्यक्रम की अध्यक्षता चौधरी अमरबीर सिंह ने की। मंच पर और सभा स्थल पर बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण मौजूद रहे। इस मौके पर चौधरी जगत सिंह, सोमसिंह प्रधान, मोनू चेयरमैन, सोहित, विशेष, प्रदीप, अनुज चिंकारा, ओमबीर प्रधान, वीरपाल, सुरेंद्र, अनुज धामा, विशाल राणा, जगदीश प्रमुख, देवेंद्र प्रजापति, शिवम पूनिया, शुभम पूनिया, राजू चौधरी, रविन्द्र प्रधान, हरेंद्र चौधरी, दीपक शर्मा, श्रीपाल चौधरी समेत अनेक गणमान्य ग्रामीणों की मौजूदगी ने माहौल को और अधिक ऊर्जावान बना दिया।
गांव के बुज़ुर्गों से लेकर युवाओं तक हर कोई इस आयोजन में शामिल होकर गर्व महसूस करता नज़र आया। तिरंगा यात्रा के माध्यम से जहां लोगों ने देशप्रेम का संदेश दिया, वहीं सभा में हुई घोषणाओं ने यह साफ कर दिया कि भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) अब जमीनी स्तर पर और मज़बूती से किसानों व समाज के दबे-कुचले वर्गों की आवाज़ बनने जा रहा है।