इंदिरापुरम (शिखर समाचार)। राजधानी युवा संसद व जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल, इंदिरापुरम के संयुक्त प्रयास से आयोजित ग्लोबल पंचायत 2.0 का शुभारंभ शनिवार को प्रेरणादायी वातावरण में हुआ, जहां विचार, तर्क और नेतृत्व क्षमता की ऊर्जा चारों ओर महसूस की गई। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राम निवास गोयल शामिल हुए। विद्यालय के चेयरमैन जे के गौड़, डायरेक्टर वरुण गौड़ और प्रधानाचार्या निधि गौड़ ने उनका गरिमामय स्वागत किया।
ग्लोबल पंचायत 2.0: युवाओं को वैश्विक सोच, नेतृत्व और संवाद के अवसर प्रदान करने का अनूठा मंच
जे के गौड़ ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि वैश्विक समझ और नेतृत्व कौशल की भी ज़रूरत है। ग्लोबल पंचायत 2.0 जैसा मंच उन्हें वही अवसर देता है जहां वे अपने विचार खुलकर रख सकते हैं और दुनिया को बेहतर बनाने की दिशा में सोच सकते हैं। प्रधानाचार्या निधि गौड़ ने इसे एक ऐसा अनुभव बताया, जो छात्रों के अंदर निर्णय क्षमता, संवाद कला और नेतृत्व की सोच को गहराई से विकसित करता है।
दो दिवसीय इस आयोजन में सात प्रभावशाली समितियों का गठन किया गया, जिनमें लोकसभा, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC), अखिल भारतीय राजनीतिक दलों की बैठक (AIPPM), ऐतिहासिक हितधारकों की बैठक (HSM), अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC), भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) और अंतरराष्ट्रीय प्रेस शामिल रहीं। इन सभी मंचों पर विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालयों से आए छात्र प्रतिनिधियों ने वैश्विक और राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों की धार के साथ संवाद किया।
ग्लोबल पंचायत 2.0: विचारों से नेतृत्व तक — युवाओं ने दिखाया संवाद और समाधान की शक्ति
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हर समिति में प्रतिभागियों ने न सिर्फ अपनी बातों को तथ्य और तर्क के साथ रखा, बल्कि समाधान की दिशा में भी सशक्त पहल दिखाई। यह आयोजन छात्रों के लिए महज एक शैक्षणिक गतिविधि नहीं, बल्कि एक जीवंत अनुभव रहा जिसने उन्हें बहस, नीति-निर्माण और कूटनीतिक व्यवहार का वास्तविक प्रशिक्षण दिया। विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए युवाओं की भागीदारी ने कार्यक्रम को विविधता और समृद्ध संवादों का बेहतरीन मंच बना दिया।
ग्लोबल पंचायत 2.0 ने यह सिद्ध कर दिया कि जब युवाओं को मंच मिलता है, तो वे केवल श्रोता नहीं रहते, बल्कि विचारों से समाज को दिशा देने वाले नेतृत्वकर्ता बनते हैं। आयोजन का हर क्षण भविष्य की एक जागरूक, संवेदनशील और निर्णयशील पीढ़ी की ओर संकेत करता रहा।
