लखनऊ (शिखर समाचार) उत्तर प्रदेश की अफसरशाही में बृहस्पतिवार 31 जुलाई को जबरदस्त हलचल उस वक्त देखने को मिली जब शासन ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को प्रदेश का नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया। यह फैसला सिर्फ एक प्रशासनिक अदला-बदली नहीं, बल्कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नौकरशाही के भीतर एक नए युग की शुरुआत के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। 1989 बैच के तेजतर्रार और अनुभवशील आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को लंबे समय से मुख्यमंत्री का अत्यंत भरोसेमंद सिपहसालार माना जाता रहा है और अब उन्हें प्रशासनिक पिरामिड की सर्वोच्च चोटी पर बैठाकर उस भरोसे को औपचारिक रूप दे दिया गया है।
गोयल को यूपी का मुख्य सचिव नियुक्त, राज्य प्रशासन में अनुभव और रणनीतिक नेतृत्व पर भरोसा
गोयल के पास सरकारी मशीनरी के हर स्तर का व्यावहारिक अनुभव रहा है। उन्होंने न सिर्फ राज्य सरकार में, बल्कि केंद्र में भी विभिन्न अहम पदों पर रहते हुए अपनी कार्यशैली और निर्णय क्षमता से अपनी अलग पहचान बनाई है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल, विविधतापूर्ण और जटिल प्रशासनिक ढांचे वाले राज्य में मुख्य सचिव का पद केवल एक औपचारिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे राज्य के नीति निर्माण, क्रियान्वयन और तंत्र संचालन का केन्द्र बिंदु होता है। ऐसे में यह जिम्मेदारी ऐसे व्यक्ति को सौंपना जो मुख्यमंत्री के विकास मॉडल और शासन की प्राथमिकताओं से पूरी तरह परिचित हो, एक दूरदर्शी और रणनीतिक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।
शशि प्रकाश गोयल का कार्यकाल जनवरी 2027 तक रहेगा यानी वह आने वाले लगभग डेढ़ वर्षों तक प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया की भूमिका निभाएंगे। यह अवधि राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसी दरम्यान योगी सरकार कई बड़ी योजनाओं को ज़मीन पर उतारने और 2027 के बाद की तैयारी को दिशा देने में जुटी है।
शशि प्रकाश गोयल को यूपी का नया मुख्य सचिव नियुक्त
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सूत्रों की मानें तो गोयल की नियुक्ति के बाद शासन स्तर पर तेज़ी से कई संरचनात्मक बदलाव और नीतिगत फैसले लिए जा सकते हैं। नौकरशाही के भीतर अनुशासन, जवाबदेही और परिणामोन्मुखी कार्यशैली को प्राथमिकता दी जाएगी। गोयल की साख एक ऐसे अधिकारी की रही है जो फाइलों में उलझकर समय गंवाने की बजाय फैसलों को जमीनी हकीकत में तब्दील करने में विश्वास रखते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के इस निर्णायक दौर में गोयल जैसे सधे हुए, अनुभवी और निर्णायक अफसर की नियुक्ति को प्रशासनिक मजबूती का एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस फैसले ने यह भी साफ कर दिया है कि आने वाले समय में सरकार की प्राथमिकता सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें समयबद्ध तरीके से जनता तक पहुंचाना होगा और इसकी कमान अब शशि प्रकाश गोयल जैसे दक्ष प्रशासक के हाथों में है। उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में यह नियुक्ति सिर्फ एक नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि शासन के चरित्र में बदलाव का संकेत है। अब देखना होगा कि गोयल की अगुवाई में प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी किस दिशा में आगे बढ़ती है और कितना असर आम जनता तक पहुंच पाता है। लेकिन फिलहाल इतना तय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्यूरोक्रेसी की शीर्ष कुर्सी पर अपने सबसे भरोसेमंद और सक्षम सेनापति को बिठा कर 2027 की तैयारी का बिगुल बजा दिया है।