रबूपुरा/ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। यमुना प्राधिकरण की कथित मनमानी और किसानों की अनसुलझी समस्याओं को लेकर बुधवार को रौनिजा अंडरपास के पास माहौल गर्मा गया। भाकियू (कृषक शक्ति) ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमन ठाकुर के नेतृत्व में भारी संख्या में किसानों के साथ धरना प्रदर्शन करते हुए प्राधिकरण पर वादाखिलाफी के गंभीर आरोप लगाए। धरने में शामिल किसानों ने एकजुट होकर कहा कि अब वे आधे-अधूरे आश्वासनों से संतुष्ट नहीं होंगे। उन्होंने स्पष्ट मांग रखी कि वर्ष 2013 की नीति के अनुसार अधिग्रहित भूमि पर किसानों को 10 प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड दिए जाएं, 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे का तत्काल भुगतान किया जाए, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाए और सर्किल रेट में बढ़ोतरी करके किसानों को उनका उचित हक लौटाया जाए।
रौनिजा में भाकियू (लोकशक्ति) का अनिश्चितकालीन धरना जारी, किसानों ने चेताया—अब और बर्दाश्त नहीं
इसी के समानांतर भाकियू (लोकशक्ति) का गांव रौनिजा के समीप चल रहा अनिश्चितकालीन धरना भी दूसरे दिन लगातार जारी रहा। संगठन के नेताओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि किसानों को वर्षों से जिन बुनियादी सुविधाओं और अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है, अब उसे और सहन नहीं किया जाएगा। धरना स्थल पर वक्ताओं ने प्राधिकरण अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आवासीय प्लॉट का आवंटन, एयरपोर्ट प्रभावित किसानों की समस्याओं का समाधान, अतिरिक्त मुआवजे का वितरण, बैकलीज शिफ्टिंग और अवैध जल दोहन पर रोक लगाने जैसी मांगें बार-बार उठाई गईं, लेकिन अधिकारियों ने हमेशा टालमटोल की नीति अपनाई। किसानों का कहना था कि यमुना प्राधिकरण के इस रवैये ने उनकी नाराजगी को और गहरा दिया है और यही वजह है कि अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
धरना स्थल पर गूंजे किसानों के हक के नारे, आंदोलन को राज्य स्तर पर तेज करने की चेतावनी
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धरना स्थल पर चारों ओर किसानों के हक की लड़ाई के नारे गूंजते रहे। दोनों संगठनों ने एक स्वर में घोषणा की कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन का यह सिलसिला जारी रहेगा। किसानों का कहना है कि यमुना प्राधिकरण को अब हर हाल में जमीन से जुड़े मसलों पर स्पष्ट नीति बनानी होगी, अन्यथा आंदोलन राज्य स्तर पर उग्र रूप ले सकता है।