परीक्षा के दिन चुस्त सुरक्षा व्यवस्था, DIG ने खुद संभाली कमान, 55 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने दी मेरठ रेंज में परीक्षा

Rashtriya Shikhar
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Tight security arrangements on exam day IMAGE CREDIT TO POLICE

मेरठ (शिखर समाचार) रविवार 27 जुलाई को उत्तर प्रदेश समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा के दौरान मेरठ परिक्षेत्र का माहौल पूरी तरह से परीक्षा केंद्रों के इर्द-गिर्द सजा दिखा। हजारों उम्मीदों के साथ जब अभ्यर्थी अपने-अपने परीक्षा केंद्रों पर पहुँचे, तब उनके भविष्य को निर्बाध और निष्पक्ष बनाने की ज़िम्मेदारी प्रशासन के कंधों पर थी। इस जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र कलानिधि नैथानी ने स्वयं मोर्चा संभाला और मेरठ शहर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर पहुंचकर सुरक्षा और व्यवस्थाओं का ग्राउंड रियलिटी चेक किया।

डीआईजी और नगर पुलिस अधीक्षक ने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर सुरक्षा सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए

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डीआईजी के साथ नगर पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने केंद्रों पर मौजूद सुरक्षाबलों व ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परीक्षा के हर क्षण पर पैनी निगाह रखी जाए और परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उनका यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि परीक्षा की निष्पक्षता और अभ्यर्थियों की मेहनत के सम्मान की एक ठोस मिसाल थी।

मेरठ परिक्षेत्र के चार जनपदों मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ में कुल 119 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिनमें मेरठ में 58, बुलंदशहर में 23, बागपत में 22 और हापुड़ में 16 केंद्र स्थापित किए गए। इन सभी केंद्रों पर कुल 55,080 अभ्यर्थियों ने भाग लिया, जिनमें युवाओं का उत्साह और भविष्य को लेकर प्रतिबद्धता साफ झलक रही थी।

परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा और सुव्यवस्था, डीआईजी ने अधिकारियों को सतर्क रहने के दिए निर्देश

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हर केंद्र पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए थे। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, परीक्षार्थियों की सुव्यवस्थित एंट्री, जलपान की व्यवस्थाएं, मेडिकल सहायता और पुलिसकर्मियों की तैनाती से माहौल पूरी तरह से अनुशासित नजर आया।

डीआईजी ने बताया कि सभी संबंधित अधिकारियों को केंद्रों पर लगातार भ्रमणशील रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी या अनुचित गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

परीक्षा के सफल संचालन के लिए पुलिस-प्रशासन की तैयारी, निगरानी और सक्रियता ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब इरादे साफ हों, तो किसी भी बड़ी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से अंजाम दिया जा सकता है।

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