मुरादनगर (शिखर समाचार)।
लाल बहादुर शास्त्री सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में रंगों और रेखाओं की सौंदर्यपूर्ण बयार उस समय बह उठी, जब छात्राओं ने पारंपरिक भारतीय संस्कृति को आधुनिक रचनात्मकता के साथ सजाया। विद्यालय परिसर में आयोजित मेहंदी प्रतियोगिता में छात्राओं ने न केवल अपने कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि अपनी कलात्मक सोच और परंपरा के प्रति जुड़ाव का भी जीवंत प्रमाण प्रस्तुत किया।
हथेलियों पर सजी कल्पनाशक्ति: छात्राओं ने रचे रंग-बिरंगे जादू
प्रतियोगिता को तीन वर्गों में विभाजित किया गया, जिनमें कक्षा द्वितीय से पंचम, षष्ठी से अष्टम और नवम से दशम तक की छात्राओं ने भाग लिया। हर वर्ग की प्रतिभागी छात्राओं ने अपनी कल्पनाशक्ति को रचकर हथेलियों पर ऐसा जादू बिखेरा कि देखने वाले अभिभूत हो उठे। किसी ने पारंपरिक बेल-बूटों को अपनाया, तो किसी ने आधुनिक शैली में आकर्षक पैटर्न उकेरे सभी डिजाइनों में मौलिकता और सुरुचिपूर्ण अभिव्यक्ति की स्पष्ट छाप नजर आई।
निर्णायक मंडल की कड़ी नज़र और संगठित संचालन में तय हुए विजेता
ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/ghaziabad-mcc-basement-fire-contained/
प्रतियोगिता का मूल्यांकन निर्णायक मंडल की सदस्यों रश्मि और गौरवी राजपूत द्वारा अत्यंत बारीकी से किया गया। दोनों ने छात्राओं की बारीक कारीगरी, संतुलन, साज-सज्जा और प्रस्तुति के आधार पर निष्पक्ष निर्णय लेते हुए विजेताओं का चयन किया। आयोजन का कुशल संचालन आचार्या उषा ओझा ने सौम्यता और व्यवस्था के साथ संभाला।
विद्यालय परिवार की खुशी: संस्कृति और रचनात्मकता का संगम
ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/chaddha-lecture-kovind-on-education/
प्रधानाचार्य संजीव राजपूत ने प्रतियोगिता की सफलता पर प्रसन्नता जताते हुए निर्णायकों के योगदान की खुले मन से प्रशंसा की। उन्होंने विद्यालय परिवार की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ हमारी सांस्कृतिक धरोहर से उन्हें जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। विद्यालय परिसर में रचनात्मकता, परंपरा और सौंदर्य का यह अद्भुत संगम देर तक सभी के मन में अपनी छाप छोड़ गया।
