गाजियाबाद (शिखर समाचार)।
शुक्रवार की शाम गाजियाबाद नगर निगम मुख्यालय उस वक्त दहशत और अफरातफरी के माहौल में तब्दील हो गया, जब मुख्यालय की बेसमेंट में अचानक आग भड़क उठी। एक ओर निगम कर्मी जान बचाकर बाहर निकलने लगे तो दूसरी ओर फायर ब्रिगेड को तुरंत सूचना दी गई। बिजली के पैनल में लगी यह आग धीरे-धीरे फैलती चली गई और कुछ ही देर में बेसमेंट का मीटिंग हॉल धुएं की गिरफ्त में आ गया। लेकिन राहत की बात यह रही कि दमकल विभाग की समय पर कार्रवाई और सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।
नगर निगम भवन में अचानक लगी आग, दमकल टीम ने समय रहते नियंत्रण पाया
शाम करीब 5 बजकर 20 मिनट पर नगर निगम भवन के बेसमेंट से धुएं का गुबार उठता देखा गया, जिसके बाद कर्मचारियों ने तत्काल फायर सर्विस को सूचना दी।
चीफ फायर ऑफिसर राहुल पाल के मुताबिक सूचना मिलते ही फायर स्टेशन कोतवाली से तीन दमकल वाहन और एक फायर स्टेशन ऑफिसर मौके पर भेजे गए। जब फायर टीम मौके पर पहुंची, तब तक आग इलेक्ट्रिक डक्ट के जरिए बेसमेंट से प्रथम तल की ओर भी बढ़ने लगी थी। हालात को गंभीर होता देख पंपिंग मशीनों की मदद से मोटर फायर इंजन से आग बुझाने का कार्य शुरू किया गया।
आग पर काबू, अधिकारियों ने राहत कार्यों का लिया जायजा
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करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार आग को काबू में कर लिया गया। दमकल कर्मियों ने बेसमेंट से कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालते हुए आग की मुख्य वजहों को भी चिन्हित किया। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को हादसे का कारण माना जा रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही महापौर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक स्वयं मौके पर पहुंचे और आग से प्रभावित हिस्सों का निरीक्षण किया। उन्होंने निगमकर्मियों का हाल जाना और राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की। अधिकारियों ने कर्मचारियों को सतर्क रहने और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी।
आग से हुए नुकसान का आंकलन, निगम प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच का एलान किया
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चीफ फायर ऑफिसर ने यह भी बताया कि इस घटना में बेसमेंट के मीटिंग हॉल की छत की फॉल सीलिंग, एयर कंडीशनर और करीब दर्जनभर कुर्सियां जलकर नष्ट हो गईं। हालांकि गनीमत रही कि इस आगजनी में किसी व्यक्ति को चोट नहीं आई और कोई जान-माल की बड़ी क्षति नहीं हुई।
नगर निगम प्रशासन की ओर से बताया गया है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए सभी इलेक्ट्रिकल सिस्टम और अग्नि सुरक्षा उपकरणों की पुनः समीक्षा कराई जाएगी।

शहर के प्रमुख प्रशासनिक भवन में इस प्रकार की घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि दमकल विभाग की तेजी और त्वरित निर्णय ने इस हादसे को एक बड़ी दुर्घटना बनने से रोक लिया।