गाजियाबाद (शिखर समाचार)
गाज़ियाबाद में आपदा प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुपालन में बुधवार को जिला आपदा प्राधिकरण की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व तथा जिला आपदा प्राधिकरण के सचिव सौरभ भट्ट ने की। बैठक में यह तय किया गया कि आगामी एक अगस्त को जिले के पांच प्रमुख स्थानों पर एक साथ मॉक ड्रिल कराई जाएगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में प्रशासनिक तंत्र की तैयारियों को परखा जा सके।
आपदा प्रबंधन के लिए मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू: तहसील मोदीनगर से वीवीआईपी रेजीडेंस तक व्यापक समन्वय
प्रशासन द्वारा जिन स्थानों को मॉक ड्रिल के लिए चिन्हित किया गया है, उनमें तहसील मोदीनगर का सरकारी कार्यालय, इंग्राह्म स्कूल राजनगर, जिला संयुक्त चिकित्सालय संजय नगर, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम डिपो लोनी और वीवीआईपी रेजीडेन्स शामिल हैं। इस बैठक में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, राजस्व विभाग समेत सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे और उन्होंने आपसी समन्वय के साथ मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए साझा रणनीति पर चर्चा की।
आपदा प्रबंधन में तेजी और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए विभागवार जिम्मेदारियां तय: अपर जिलाधिकारी का महत्वपूर्ण संदेश
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बैठक के दौरान आपदा की स्थिति में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया देने, राहत कार्यों के संचालन और संसाधनों के सही उपयोग को लेकर विभागवार जिम्मेदारियों का निर्धारण किया गया। अपर जिलाधिकारी सौरभ भट्ट ने कहा कि यह मॉक ड्रिल सिर्फ अभ्यास नहीं बल्कि एक गंभीर परीक्षा है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि ज़मीनी स्तर पर हमारी तैयारियां कितनी कारगर हैं और आपसी तालमेल की स्थिति कितनी मजबूत है।
मॉक ड्रिल में समर्पण और गंभीरता की अपील: आपदा में जनहानि रोकने और राहत पहुंचाने की तैयारी तेज़
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उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे मॉक ड्रिल को पूरी गंभीरता से लें और अपने दायित्वों का निर्वहन समर्पण भाव से करें ताकि किसी भी संभावित आपदा की स्थिति में जनहानि को रोका जा सके और समय पर राहत पहुंचाई जा सके। प्रशासन की इस पहल को आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और अधिक मजबूत और सक्षम बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम माना जा रहा है।
