गढ़मुक्तेश्वर (शिखर समाचार)।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर गढ़ क्षेत्र के शिव मंदिरों में श्रद्धा का अभूतपूर्व ज्वार देखने को मिला। जय भोले के गगनभेदी नारों के बीच भगवान आशुतोष का जलाभिषेक विधिवत रूप से किया गया। सबसे पहले कांवड़ियों ने पवित्र गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर महाशिवरात्रि का आरंभ किया, तत्पश्चात व्रतधारी श्रद्धालुओं और स्थानीय शिवभक्तों ने भी जल चढ़ाकर पुण्य लाभ प्राप्त किया। श्रद्धा और सेवा के संगम में डूबे इस आयोजन के बीच कई सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाए गए शिविरों और भंडारों का समापन भी विधिपूर्वक किया गया। इन शिविरों में कांवड़ियों को जलपान, विश्राम और प्राथमिक उपचार जैसी सेवाएं नि:शुल्क प्रदान की गईं।
ब्रजघाट से रिकॉर्ड संख्या में भरी गई कांवड़ें
पौराणिक तीर्थ ब्रजघाट इस बार भी कांवड़ियों का प्रमुख केंद्र बना रहा। अनुमान है कि यहां से पांच लाख से अधिक कांवड़ भरकर विभिन्न दिशाओं की ओर रवाना हुईं, जो हापुड़, सिंभावली, मेरठ, गाजियाबाद, दिल्ली, मुरादाबाद, बदायूं, अमरोहा, बुलंदशहर जैसे शहरों के शिवालयों में जलाभिषेक करेंगी।
प्राचीन शिव मंदिरों में उमड़ा जनसैलाब
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गढ़ क्षेत्र सदियों से शिवभक्ति की परंपरा को संजोए हुए है। इस बार भी नक्का कुआं महादेव मंदिर, कल्याणेश्वर मंदिर (कल्याणपुर), भूतेश्वरनाथ मंदिर (दत्तियाना), लाल मंदिर सहित सिंभावली, भैना, बहादुरगढ़, दरियापुर, भरना व खुडलिया जैसे गांवों के शिव मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया और भोलेनाथ का जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया।
प्रशासन पूरी मुस्तैदी से रहा सक्रिय
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शासन-प्रशासन ने इस बार शिवरात्रि पर विशेष सतर्कता बरती। मेरठ मण्डलायुक्त, एडीजी जोन और पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों ने स्वयं ब्रजघाट व गढ़ क्षेत्र के कांवड़ मार्गों का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी अभिषेक पाण्डेय व एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासनिक अमला पूरे आयोजन के दौरान क्षेत्र में भ्रमणशील रहा और यह सुनिश्चित किया कि कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो।
इस शिवरात्रि गढ़ क्षेत्र में केवल शिवलिंगों पर जल नहीं चढ़ा, अपितु श्रद्धा, भक्ति और कर्तव्य का संगम भी बहा, जिसने इस पर्व को आस्था का विराट उत्सव बना दिया।