Greater Noida में जल संकट खत्म करने की बड़ी पहल, चार नए अंडरग्राउंड जलाशयों से घर-घर पहुंचेगा Ganga Water और भूजल मिश्रित पानी

Rashtriya Shikhar
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A major initiative to end the water crisis in Greater Noida IMAGE CREDIT TO GNIDA

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार) तेजी से बढ़ती आबादी और गर्मियों में हर साल गहराते जल संकट से निपटने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बड़ी योजना पर काम शुरू कर दिया है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में चार अत्याधुनिक भूमिगत जलाशयों (यूजीआर) का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे आने वाले महीनों में न सिर्फ जलापूर्ति सुदृढ़ होगी बल्कि लोगों को गंगाजल और भूजल का मिला-जुला साफ पानी नियमित रूप से मिल सकेगा।

टेकजोन-4 में बनेगा सबसे बड़ा यूजीआर, 19 सोसाइटियों को मिलेगी बेहतर जलापूर्ति

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प्राधिकरण के जल विभाग की निगरानी में टेकजोन-4, सेक्टर-2, सेक्टर-3 और ईटा-2 में बन रहे ये यूजीआर इस साल के आखिर तक तैयार कर लिए जाएंगे। करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इन जलाशयों को लेकर प्राधिकरण ने निर्माण एजेंसी को सख्त निर्देश दिए हैं कि गुणवत्ता से समझौता न हो और समय पर कार्य पूरा किया जाए।

सबसे बड़ा यूजीआर टेकजोन-4 में बन रहा है, जिसकी क्षमता 10,000 केएलडी है। इसके चालू होते ही हिमालया प्राइड, चेरी काउंटी, जेएम फ्लोरेंस, फ्यूजन होम्स, गौर सौंदर्यम, समृद्धि ग्रुप, एनएक्स वन, निराला एस्टेट, गैलेक्सी वेगा जैसी 19 प्रमुख रिहायशी सोसाइटियों और कॉम्प्लेक्सों में जलापूर्ति का नया दौर शुरू हो जाएगा।

सेक्टर-2 से ईटा-2 तक, नए यूजीआर से खत्म होगी पानी की किल्लत

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सेक्टर-2 में बन रहा यूजीआर 6,000 केएलडी का होगा, जिससे सेक्टर-2 के A से F ब्लॉक तक के हिस्से और इरोज संपूर्णनम, निराला जैसी बड़ी आबादी को पानी की समस्या से राहत मिलेगी। वहीं, सेक्टर-3 का यूजीआर 3,000 केएलडी क्षमता वाला होगा, जो जनता फ्लैट्स और सेक्टर के चारों ब्लॉकों में बेहतर जल वितरण सुनिश्चित करेगा।

इसके अलावा प्राधिकरण सेक्टर ईटा-2 में 1,500 केएलडी क्षमता का एक और यूजीआर भी बनवा रहा है, जिससे आसपास के रिहायशी इलाकों में जलापूर्ति की तस्वीर पूरी तरह बदलने की उम्मीद है।

प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर घर तक संतुलित और साफ पानी पहुंचे। यूजीआर के निर्माण को तय समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जल आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके। जल संकट से निजात की ओर ग्रेटर नोएडा का यह ठोस कदम आने वाले समय में शहर की सूरत बदलने वाला साबित हो सकता है।

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