मुरादनगर (शिखर समाचार)।
श्रावण मास का अध्यात्मिक उल्लास इन दिनों दिल्ली-मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग और गंगनहर कांवड़ पट्टी पर भक्ति के ज्वार में बहता दिखाई दे रहा है। हजारों की संख्या में शिवभक्त पुरुष, महिलाएं और युवाओं की टोलियां रंग-बिरंगी कांवड़ें कंधे पर लिए हुए, गंगाजल से लबालब लौटती नजर आ रही हैं। वातावरण पूरी तरह शिवमय हो गया है। रास्तों पर हर ओर हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष गूंज रहे हैं, जिससे माहौल में गजब की ऊर्जा और श्रद्धा का संचार हो रहा है।
डाक कांवड़: भक्ति, उत्साह और सेवा का अद्भुत संगम
डाक कांवड़ की रफ्तार और उत्साह देखते ही बनता है। जहां एक ओर भक्ति गीतों और देशभक्ति के सुरों ने मार्ग को जगा रखा है, वहीं दूसरी ओर आकर्षक झांकियों और सजे-संवरे वाहन श्रद्धालुओं का ध्यान खींच रहे हैं। पूरे मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई है जो इन कांवड़ यात्रियों का उत्साह बढ़ा रही है। इस बार महिला कांवड़ियों की सहभागिता भी विशेष रूप से देखने को मिल रही है, जो सामाजिक समरसता और आस्था की एक सुंदर मिसाल प्रस्तुत कर रही हैं।
सेवा भाव भी पूरे जोश के साथ नजर आ रहा है। बिजलीघर के पास मित्र मंडल कांवड़ सेवा समिति द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है, जहां हजारों की संख्या में कांवड़ियों को भोजन व जलपान कराया जा रहा है। वहीं बस स्टैंड के समीप भाजपा नेता संजीव त्यागी द्वारा संचालित शिव कांवड़ सेवा शिविर और राधेश्याम विहार के पास अहिल्या बाई होल्कर शिव कांवड़ सेवा समिति का शिविर भी यात्रियों की सेवा में समर्पित है। इन शिविरों में कांवड़ियों को ठहरने, दवा, प्राथमिक उपचार से लेकर शीतल पेय तक की व्यवस्था की गई है।
पुलिस की सतर्कता और श्रद्धालुओं के बीच समर्पित संवाद: दिल्ली-मेरठ मार्ग पर आस्था की निर्बाध यात्रा
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पुलिस प्रशासन भी लगातार सतर्क बना हुआ है। उच्चाधिकारी स्वयं मार्गों का निरीक्षण कर रहे हैं और शिवभक्तों के बीच पहुंचकर उनकी आवश्यकताओं को समझ रहे हैं। कांवड़ियों से संवाद कर उनकी यात्रा को सहज और सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
कुल मिलाकर, दिल्ली-मेरठ मार्ग इस समय केवल एक यात्रा पथ नहीं, बल्कि एक चलती-फिरती श्रद्धा की धारा बन चुका है जहां आस्था, अनुशासन और सेवा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।
