Greater Noida के Government Schools में तकनीकी क्रांति की दस्तक, ममता संस्था व प्रशासन के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता

Rashtriya Shikhar
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A Technological Revolution Begins in Government Schools of Greater Noida IMAGE CREDIT TO INFORMATION DEPARTMENT

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में एक अभिनव पहल की शुरुआत हुई है, जहां जनपद के सभी सरकारी विद्यालयों में तकनीकी शिक्षा की नींव और वैज्ञानिक सोच को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) साइन किया गया। यह करार जिला प्रशासन और ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट ऑफ मदर एंड चाइल्ड संस्था के बीच हुआ, जिसे Oracle कंपनी का तकनीकी सहयोग प्राप्त है।

ममता संस्था ने STEM शिक्षा और बालिका स्वास्थ्य में नई पहल शुरू की

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इस समझौते का मूल उद्देश्य जनपद के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) शिक्षा से जोड़ते हुए उन्हें आधुनिक और रोजगारपरक शिक्षा से लैस करना है।

ममता संस्था जो बीते दो वर्षों से जनपद के 200 से अधिक विद्यालयों में स्वच्छता, बालिकाओं के स्वास्थ्य प्रबंधन, और बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण पर कार्य कर रही है, अब एक नई दिशा में कदम बढ़ा रही है। संस्था द्वारा पूर्व में बाल मंत्री योजना, शौचालय निर्माण, हैण्डवाश स्टेशन, वाटर प्यूरिफायर और रियूजेबल सेनेटरी पैड वितरण जैसी योजनाओं के माध्यम से शिक्षा में भागीदारी और उपस्थिति में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया।

Oracle सहयोग से 40 विद्यालयों में STEM लैब स्थापित, दूरस्थ क्षेत्रों के लिए चलित STEM VAN और सौर ऊर्जा से हरित विद्यालय बनेंगे

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अब संस्था Oracle के सहयोग से वर्ष 2025-26 में 40 चयनित विद्यालयों में अत्याधुनिक STEM लैब की स्थापना करेगी। साथ ही, प्रत्येक लैब से जुड़े 10 निकटवर्ती विद्यालयों को तकनीकी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों तक तकनीकी शिक्षा पहुंचाने के लिए चलित STEM VAN का संचालन भी प्रस्तावित है।

इसके अलावा इन 40 विद्यालयों को सौर ऊर्जा आधारित हरित विद्यालयों में रूपांतरित किया जाएगा। वहीं बच्चों व शिक्षकों को तकनीकी प्रशिक्षण के साथ-साथ विज्ञान प्रयोगशालाओं का शैक्षणिक भ्रमण भी कराया जाएगा ताकि छात्रों में प्रयोगात्मक ज्ञान के प्रति रुचि विकसित हो सके। इस समझौते के साथ ही जनपद में शैक्षिक परिदृश्य को आधुनिक दिशा देने की मजबूत शुरुआत हो चुकी है, जो आने वाले वर्षों में छात्रों के भविष्य को न सिर्फ सुरक्षित, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य भी बनाएगा।

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