हापुड़ (शिखर समाचार)
कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सुगम संचालन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इसी क्रम में सोमवार को मेरठ मंडलायुक्त हृषिकेश भास्कर यशोद और मेरठ परिक्षेत्र के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने मेरठ से लेकर हापुड़ की तीर्थनगरी ब्रजघाट तक कांवड़ मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ हापुड़ के जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय, पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक विनीत भटनागर, एसडीएम गढ़मुक्तेश्वर, क्षेत्राधिकारी, सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
गंगाघाट पर कड़ी निगरानी: अधिकारियों ने सुरक्षा, बचाव और यातायात व्यवस्थाओं के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए
अधिकारियों ने गंगाघाट की व्यवस्थाओं का गहनता से निरीक्षण करते हुए फ्लड पीएसी व घाटों पर तैनात पुलिस बल को ब्रीफिंग दी और कर्तव्य के प्रति निष्ठा व सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। महिला गोताखोरों से संवाद करते हुए कई लोगों की जान बचाने जैसे सराहनीय कार्यों पर उनकी प्रशंसा की गई और उनका उत्साहवर्धन किया गया।
निरीक्षण के दौरान यातायात व्यवस्था, श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रण, पार्किंग प्रबंधन, सुरक्षा बिंदुओं की तैनाती, आपातकालीन बचाव प्रबंधन, निगरानी व्यवस्था और कानून व्यवस्था को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन सशक्त: घाटों पर कड़ी निगरानी, वाहन व भीड़ नियंत्रण, और आपातकालीन तैयारियां पूरी
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प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए घाटों पर सुरक्षित व सुव्यवस्थित स्थल तैयार किया गया है, जहां वॉच टावर से निगरानी की जा रही है, डस्टबिन और वाहनों की जांच हेतु एएस चैक टीम, सभी संवेदनशील स्थलों पर पुलिस की मुस्तैद तैनाती सुनिश्चित की गई है। घाट क्षेत्र में किसी भी वाहन व पशु के प्रवेश पर रोक लगाई गई है तथा नावों व गोताखोरों को आपात स्थिति में तत्पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस द्वारा सभी बैरियरों पर सघन चेकिंग प्वाइंट लगाए गए हैं, पार्किंग व्यवस्था को सुचारु बनाया गया है, और गुंडा दमन दल को जेबकतरे, चोर व स्नैचर के विरुद्ध सक्रिय कर दिया गया है।

मंडलायुक्त और डीआईजी ने मौके पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों से संवाद कर उनका उत्साह बढ़ाया और उन्हें कर्तव्यपरायणता से ड्यूटी निभाने के लिए प्रेरित किया। प्रशासन की यह सक्रियता यह सुनिश्चित करती है कि इस बार की कांवड़ यात्रा श्रद्धा, सुरक्षा और समर्पण के संगम के रूप में सम्पन्न हो।