गढ़मुक्तेश्वर (शिखर समाचार)
हरियाली को समर्पित संकल्पों ने जब श्रद्धा का रूप लिया तो ब्रजघाट स्थित श्री चित्रगुप्त आश्रम परिसर एक बार फिर प्रकृति प्रेम का साक्षी बन गया। रविवार को गढ़मुक्तेश्वर वन रेंज के अंतर्गत चलाए जा रहे पर्यावरणीय मुहिम एक पेड़ मां के नाम अभियान के दूसरे चरण में सैकड़ों पौधे रोपे गए, जिनमें कचनार, अमलतास, मौलश्री, केसिया, बालमखीरा, कनेर और जंगल जलेबी जैसी प्रजातियां शामिल थीं।
हर पौधा मां को श्रद्धांजलि: पर्यावरण संरक्षण के इस अभियान ने भावनाओं और प्रकृति को जोड़ा
यह अभियान केवल पौधरोपण भर नहीं रहा, बल्कि यह उस भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन गया जिसमें हर पौधा एक मां को समर्पित श्रद्धांजलि जैसा प्रतीत हुआ। इस आयोजन के माध्यम से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की अलख जगी, बल्कि मानव और प्रकृति के रिश्ते को भी नई ऊर्जा मिली।
कार्यक्रम की गरिमा उस समय और बढ़ गई जब गढ़ रेंज के वन अधिकारी करन सिंह, पर्यावरणप्रेमी रेखा जौहरी, आनंद कुमार जौहरी, वन दरोगा सचिन कुमार, शबाबुल हसन, भावना और अरविंद कुमार जैसे जागरूक जनों ने अपने हाथों से पौधे रोपकर धरती को हरा करने का संकल्प लिया।
मां के नाम एक पौधा: श्री चित्रगुप्त आश्रम से शुरू हुआ हरियाली का भावनात्मक और ज़िम्मेदार अभियान
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वक्ताओं ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते प्रदूषण के इस दौर में वृक्षारोपण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी बन चुकी है। हर व्यक्ति यदि एक पौधा भी अपनी मां के नाम पर रोप दे, तो आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और संतुलित पर्यावरण सौंपा जा सकता है।
श्री चित्रगुप्त आश्रम परिसर में हुए इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब प्रकृति के लिए भावनाएं जागती हैं, तो हर पौधा सिर्फ पेड़ नहीं, बल्कि एक उम्मीद, एक आशीर्वाद बन जाता है। आयोजकों ने यह भी बताया कि यह पहल यहीं नहीं रुकेगी, बल्कि विभिन्न स्थानों पर इसकी अगली कड़ियां भी जोड़ी जाएंगी, जिससे हरियाली का यह अभियान जन-जन तक पहुंचे।