गाजियाबाद (शिखर समाचार)
पूर्व Cabinet Minister ज़मीन से जुड़े जनसेवक और सादगी के प्रतीक और मुरादनगर से भाजपा विधायक अजीत पाल त्यागी के पिता राजपाल त्यागी अब हमारे बीच नहीं रहे। जैसे ही उनके निधन का समाचार फैला, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। एक ऐसा नेता जिसने जनभावनाओं को अपना धर्म माना, वह अब स्मृतियों में बस गए हैं। उनके जाने से राजनीतिक, सामाजिक और मानवीय क्षेत्र में जो रिक्तता आई है, उसे भर पाना शायद ही संभव हो।
जनता के सच्चे सेवक: राजपाल त्यागी की सादगी और समर्पण की विरासत
अपने जीवन में उन्होंने न तो कभी दिखावा किया, न ही सत्ता के मद में चूर हुए। वे जनता के बीच उसी आत्मीयता से रहते थे जैसे परिवार का कोई मुखिया। उनकी यही विनम्रता और सेवा भावना उन्हें आम नेताओं से अलग बनाती रही।
शुक्रवार को हिंडन घाट पर उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। हजारों की संख्या में लोग उन्हें अंतिम प्रणाम देने पहुंचे। वातावरण राजपाल त्यागी अमर रहें और नेता नहीं जननायक थे वो जैसे नारों से गूंज उठा। आंखें नम थीं, दिल भारी था, पर दिलों में उनका स्थान अमर।
अश्रुपूरित विदाई: जनसैलाब ने नम आंखों से दी राजपाल त्यागी को अंतिम विदाई
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अंतिम यात्रा में जिस तरह हर वर्ग, हर उम्र का व्यक्ति शामिल हुआ, वह उनकी जनस्वीकार्यता का प्रमाण था। जनसैलाब के बीच जब उनके पौत्र ने मुखाग्नि दी, तो उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें भर आईं।
इस दुखद मौके पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल सहित अनेक वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने कहा कि राजपाल त्यागी जैसे सच्चे जनसेवक विरले ही होते हैं। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों को दिशा देता रहेगा।

विधायक अजीत पाल त्यागी समेत समस्त परिजनों को ढांढस बंधाते हुए लोगों ने ईश्वर से प्रार्थना की कि वह दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकसंतप्त परिवार को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।