गढ़मुक्तेश्वर/हापुड़ (शिखर समाचार)
किसान हितों को लेकर सड़कों से लेकर पंचायतों तक संघर्षरत भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने बहादुरगढ़ क्षेत्र के डेहरकुटी में मंगलवार को एक अहम पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में भारी संख्या में किसानों की मौजूदगी रही, जहां उनकी पीड़ा मुखर होकर सामने आई। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान और जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में आ रही परेशानियां इस पंचायत के मुख्य मुद्दे रहे।
किसान नेताओं का सिंभावली शुगर मिल पर आरोप, भुगतान न होने पर बड़े आंदोलन का ऐलान
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जिलाध्यक्ष दिनेश खेड़ा के नेतृत्व में आयोजित इस पंचायत में किसान नेताओं ने सिंभावली शुगर मिल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वर्षों से किसानों के करोड़ों रुपये गन्ना भुगतान के रूप में बकाया हैं, लेकिन मिल प्रबंधन आंखें मूंदे बैठा है। किसानों की मेहनत की कमाई दबाकर उन्हें आर्थिक संकट की ओर धकेला जा रहा है। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि अगर शीघ्र भुगतान नहीं हुआ तो यूनियन बड़े आंदोलन की राह पकड़ेगी।
पंचायत में केवल गन्ना भुगतान ही नहीं, बल्कि तहसील स्तर पर जन्म प्रमाणपत्र जैसे जरूरी दस्तावेज बनवाने में हो रही देरी और भ्रष्टाचार का मुद्दा भी जोरों से उठाया गया। किसानों ने कहा कि एक साधारण प्रमाणपत्र बनवाने के लिए उन्हें कई-कई चक्कर काटने पड़ते हैं, जिससे समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है। ऐसे में आम ग्रामीण खासतौर से गरीब तबके के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
भाकियू ने प्रशासन को दी चेतावनी, व्यापक आंदोलन की दी संभावना
भाकियू कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को चेताया कि यदि किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया गया तो जनपद स्तर पर व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। पंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि आने वाले दिनों में हर गांव में जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा और सरकार को किसानों की हालत से अवगत कराया जाएगा।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष दिनेश खेड़ा के साथ भाकियू संरक्षक पीके वर्मा, महिपाल सिंह उर्फ गुजराल, कैप्टन राजेश चौधरी, कुंवर खुशनूद जूनियर, मुनव्वर अली, महिला विंग से सरिता देवी, शोभा देवी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। पंचायत के अंत में संगठन में शामिल हुए नए कार्यकर्ताओं का गर्मजोशी से स्वागत भी किया गया। पंचायत का माहौल पूरी तरह किसान एकता और अधिकारों की पुनःस्थापना के संकल्प से ओतप्रोत रहा।