मेरठ (शिखर समाचार) सावन के पहले सोमवार की पुण्य बेला पर मेरठ परिक्षेत्र की कानून-व्यवस्था और श्रद्धालु सेवाओं का जिम्मा खुद अफसरों ने संभाल लिया। मंडलायुक्त हृषिकेश भास्कर यशोद और पुलिस उप महानिरीक्षक कलानिधि नैथानी सुबह होते ही मेरठ व बागपत जनपदों में सक्रिय हो गए और नहर पटरी कांवड़ मार्ग से लेकर प्रसिद्ध पुरामहादेव मंदिर तक भ्रमण कर व्यवस्थाओं की एक-एक परत को परखा।
शिवालय में पहुंचकर अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा
सुबह की पहली किरण के साथ ही दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने शिवालयों की ओर रुख किया। पुरामहादेव मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक किया और वहीं पर मौजूद सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष की निगरानी व्यवस्था को बारीकी से देखा। मंदिर परिसर की स्वच्छता, सुरक्षा इंतजाम, भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुविधा से जुड़ी व्यवस्थाओं का मौके पर मूल्यांकन कर अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए।
कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले शिविरों में पहुंचकर उन्होंने विद्युत सुरक्षा, चिकित्सा सहायता, शौचालय, साफ-सफाई और रात के समय प्रकाश व्यवस्था जैसी ज़रूरी बातों का जायज़ा लिया। शिविरों में ठहरे भक्तों से बातचीत कर उनके अनुभवों को जाना और किसी भी असुविधा के समाधान हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए।
आपात सेवा के लिए कांवड़ मार्गों पर रवाना हुई एम्बुलेंस
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स्वास्थ्य सुविधा को सर्वोपरि मानते हुए कांवड़ मार्गों पर तैनात एम्बुलेंस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया ताकि किसी भी आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों को तत्क्षण सहायता मिल सके।
इस संपूर्ण भ्रमण के दौरान मंडलायुक्त और DIG ने कांवड़ ड्यूटी में तैनात पुलिस बल से संवाद कर उनके मनोबल को ऊंचा किया और उन्हें अपने कर्तव्यों के प्रति सजग व संवेदनशील रहने का संदेश दिया।
अधिकारियों ने खामियों को चिन्हित कर दिए त्वरित कार्रवाई के आदेश
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निरीक्षण के दौरान पाई गई खामियों को नोट किया गया और उन्हें अविलंब सुधारने के निर्देश भी दिए गए। इस मौके पर बागपत की जिलाधिकारी अस्मिता लाल, पुलिस अधीक्षक सुरज कुमार राय, अपर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह तथा मेरठ ग्रामीण एएसपी राकेश कुमार मिश्र समेत कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
यह अभियान केवल निरीक्षण नहीं, बल्कि प्रशासन की उस संवेदनशीलता का प्रतीक था जिसमें श्रद्धा के साथ-साथ सुरक्षा और सुविधा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। सावन में उमड़ती आस्था की भीड़ को सुगठित सेवाओं के सहारे संतुलित करना ही इस दौरे का उद्देश्य था और इसमें अधिकारीगण पूरी निष्ठा से जुटे दिखे।
