मेरठ (शिखर समाचार) कांवड़ यात्रा और श्रावण मेला को लेकर मेरठ परिक्षेत्र के चारों जनपदों मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ में व्यापक स्तर पर निगरानी व सुरक्षा प्रबंधन किया गया है। प्रशासन द्वारा 26 प्रमुख कांवड़ मार्गों और 32 प्रमुख शिव मंदिरों की निगरानी के लिए विशेष तैयारियाँ की गई हैं। साथ ही नौ स्थानों पर लगने वाले श्रावण मेलों की सुरक्षा और व्यवस्था को भी उच्च प्राथमिकता दी गई है।
वॉच टावर से होगी सीधी निगरानी
पुलिस उपमहानिरीक्षिक मेरठ परिक्षेत्र कलानिधि नैथानी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए क्षेत्र के विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर कुल 20 वॉच टावर बनाए गए हैं। इनमें मेरठ जिले में 4, बुलंदशहर में 7, बागपत में 6 और हापुड़ में 3 वॉच टावर शामिल हैं। ये टावर मोदीपुरम चौकी, बेगमपुल, भूरे शाह की मजार जैसे स्थानों से लेकर गंगाघाट, अम्बकेश्वर मंदिर और ब्रजघाट जैसे धार्मिक स्थलों पर स्थापित किए गए हैं। गंगा और अन्य प्रमुख जल स्रोतों पर कुल 122 गोताखोर और 88 नाव तैनात की गई हैं। मेरठ में 36 गोताखोर और 12 नाव, बुलंदशहर में 48 गोताखोर और 59 नाव, बागपत में 20 गोताखोर और 8 नाव तथा हापुड़ में 18 गोताखोर और 9 नाव तैनात किए गए हैं। यह व्यवस्था जलाभिषेक और स्नान स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।
संचार नियंत्रण केंद्र और सीसीटीवी कवरेज
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ऑपरेशन संचार के अंतर्गत पूरे परिक्षेत्र को 850 सीयूजी मोबाइल नंबर आवंटित किए गए हैं, जिनके माध्यम से आम जनता सीधे अपने क्षेत्र के चौकी इंचार्ज से संपर्क कर सकती है। मेरठ को 199, बुलंदशहर को 356, बागपत को 173 और हापुड़ को 122 सीयूजी नंबर आवंटित किए गए हैं। यात्रा की निगरानी में टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करते हुए 95 ड्रोन तैनात किए गए हैं, जो यात्रा मार्गों की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही, कुल 2643 डिजिटल वॉलन्टियर भी बनाए गए हैं जो प्रशासन के साथ समन्वय कर लगातार फीडबैक दे रहे हैं। इनमें हापुड़ ने सबसे अधिक 1145 वॉलन्टियर तैयार किए हैं। बेहतर समन्वय और निगरानी हेतु 7 वायरलैस कंट्रोल स्टेशन, 22 सब स्टेशन और 24 सीसीटीवी कंट्रोल रूम भी स्थापित किए गए हैं, जिससे संपूर्ण परिक्षेत्र की यात्रा पर प्रशासन की सीधी नजर बनी हुई है। श्रावण मास की पवित्रता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की यह चाक-चौबंद व्यवस्था कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से सम्पन्न कराने में सहायक सिद्ध हो रही है।