रबूपुरा/ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार) यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन कब्जाने के बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए रबूपुरा पुलिस ने ऐसे गिरोह पर शिकंजा कस दिया है, जिसने एक असली किसान की 10 बीघा कृषि भूमि को जाली दस्तावेज़ों के सहारे ₹1.5 करोड़ में बेच डाला। यह सौदा दो दिन में नौ अलग-अलग लोगों से किया गया था। जांच में सामने आया कि इस पूरे खेल में न केवल फर्जी आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल हुआ, बल्कि बैंक खाता खोलने से लेकर गवाह तक सब कुछ नकली तैयार किया गया था।
पीड़ित की शिकायत पर 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया
कोतवाली प्रभारी सुजीत कुमार के मुताबिक, फलैदा बंगार गांव निवासी दौला उर्फ श्यामबाबू की जमीन को जून महीने की 23 और 24 तारीख को बेचा गया। पीड़ित की शिकायत पर 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और छानबीन में जो नाम सामने आए उनमें से तीन मुख्य आरोपी प्रवीण (फलैदा), श्यामबाबू (हजरतपुर, खुर्जा) और जयकुमार (माधवगढ़ी, सिकंदराबाद) को पुलिस ने धनपुरा रोड से गिरफ्तार कर लिया है।
पूछताछ में इन आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने इस फर्जी रजिस्ट्री के लिए गांव फलैदा के ही संजू, सनी उर्फ छोटू और लखपत को भी शामिल किया था। इनसे जाली आधार और पैन कार्ड बनवाए गए और गिरोह ने मिलकर नकली किसान खड़ा किया। फर्जी किसान श्यामबाबू को 10 लाख और फर्जी गवाह प्रवीण को 1 लाख रुपये देने की बात तय हुई थी, जिसमें से एडवांस में कुछ रकम भी दी गई थी।
फर्जी किसान के नाम से सहकारी बैंक रबूपुरा में खाता खुलवाया
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आरोपियों ने रजिस्ट्री से पहले बाकायदा गांव में एक गुप्त मीटिंग की, जहां पूरी रणनीति बनाई गई। फर्जी किसान के नाम से सहकारी बैंक रबूपुरा में खाता खुलवाया गया और फिर जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। पुलिस ने छापेमारी में कई जाली दस्तावेज़ जब्त किए हैं और 18 लाख रुपये बैंक खातों में फ्रीज़ कर दिए हैं।
फिलहाल पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में दबिश दे रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस तरह की और जमीनों की रजिस्ट्री भी इसी गिरोह ने की हैं। जमीन माफिया पर शिकंजा कसने की दिशा में यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।