वेदांत कॉलेज के मैदान पर दिल्ली का दोहरा परचम, राष्ट्रीय जूनियर बेसबॉल प्रतियोगिता में दोनों वर्गों में मारी बाज़ी

राष्ट्रीय शिखर
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In the national junior baseball competition, both the categories won

हापुड़/गढ़मुक्तेश्वर (शिखर समाचार) स्याना मार्ग स्थित वेदांत कॉलेज का खेल मैदान मंगलवार को गवाह बना एक शानदार ऐतिहासिक खेल समापन का, जहां पांच दिनों तक चला बेसबॉल का महासंग्राम दिल्ली की शानदार जीत के साथ संपन्न हुआ। 33वीं राष्ट्रीय जूनियर बेसबॉल प्रतियोगिता के समापन समारोह में जब दिल्ली की दोनों टीमों ने विजयी ट्रॉफी उठाई, तो मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

देशभर से आई चुनिंदा टीमें जब मैदान पर उतरीं तो मुकाबला केवल स्कोर का

देशभर से आई चुनिंदा टीमें जब मैदान पर उतरीं तो मुकाबला केवल स्कोर का नहीं, बल्कि जज़्बे, हुनर और आत्मविश्वास का भी था। बालिका वर्ग के फाइनल में दिल्ली की टीम ने अपनी श्रेष्ठता का ऐसा प्रदर्शन किया कि उड़ीसा की टीम 9-2 के भारी अंतर से मुकाबला हार गई। तीसरे स्थान के लिए छत्तीसगढ़ ने राजस्थान को 6-4 से हराकर अपने जुझारूपन का परिचय दिया।

दूसरी ओर बालक वर्ग में भी दिल्ली ने कमाल कर दिखाया। फाइनल में छत्तीसगढ़ के खिलाफ 11-2 के बड़े स्कोर से जीत दर्ज करते हुए टीम ने खिताब पर कब्जा किया। तीसरे स्थान के मुकाबले में उड़ीसा और राजस्थान के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली, जिसमें उड़ीसा ने 6-5 से जीत दर्ज की।

प्रतियोगिता के ज़रिए देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को सामने आने का सुनहरा मंच मिला

प्रतियोगिता के समापन अवसर पर उत्तर प्रदेश बेसबॉल एसोसिएशन के प्रमुख सचिव और एमेच्योर बेसबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव डॉ. दिनेश यादव ने सभी विजेता और उपविजेता टीमों को ट्रॉफियां व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता के ज़रिए देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को सामने आने का सुनहरा मंच मिला है।

समारोह में बेसबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मोहंती, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, महासचिव मिस मिताली घोष, वरिष्ठ पदाधिकारी प्रदीप यादव, कुणाल यादव, जयंत यादव, प्रबंधन समिति के सदस्य करोलीन संतुर, विरेन्द्र भारद्वाज, पंकज अहलावत, कपिल समेत दर्जनों गणमान्य मौजूद रहे। खिलाड़ियों का जोश बढ़ाने के लिए स्टाफ, पदाधिकारी और दर्शक भी पूरे समय मैदान पर सक्रिय रहे।

प्रतियोगिता के इस समापन ने जहां दिल्ली की टीमों को गौरव दिलाया, वहीं अन्य राज्यों के खिलाड़ियों के लिए भी यह एक सीख और प्रेरणा बन गया। अब जब अगली बार मैदान सजेगा, तो यह यकीन रहेगा कि भारतीय बेसबॉल का भविष्य तेज़ी से नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।

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