ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने प्रस्तावित जापानी औद्योगिक नगरी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसी क्रम में प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान के नीमराना में विकसित जापानी औद्योगिक क्षेत्र का गहन अध्ययन किया। इस अध्ययन दौरे का उद्देश्य वहां अपनाई गई योजना, अवसंरचना विकास और निवेश प्रबंधन की सफल कार्यप्रणाली को समझना रहा, ताकि उसी अनुभव को यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
नीमराना में ऊर्जा समीक्षा बैठक: यमुना प्राधिकरण ने नेतृत्व में जुटाए अधिकारी और विशेषज्ञ
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आर के सिंह ने किया। नीमराना में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी उन्होंने ही की, जबकि बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शैलेन्द्र कुमार भाटिया ने सह-अध्यक्ष की भूमिका निभाई। इस दौरान राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम के अधिकारी, ईपीसीएमडी इंडिया के कार्यकारी निदेशक तथा परामर्श एजेंसी अर्न्स्ट एंड यंग के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
बैठक में नीमराना स्थित जापानी औद्योगिक क्षेत्र के विकास की पूरी यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। अधिकारियों ने बताया कि किस प्रकार जापान की औद्योगिक इकाइयों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भूमि उपयोग, क्षेत्र विभाजन और बुनियादी सुविधाओं की योजना तैयार की गई। चर्चा के दौरान निवेशकों को आकर्षित करने के लिए दिए गए वित्तीय एवं प्रशासनिक प्रोत्साहनों, सरल प्रक्रियाओं और समयबद्ध अनुमोदन व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया। इसके साथ ही जापानी कंपनियों की लॉजिस्टिक्स, विद्युत, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिताओं से जुड़ी अपेक्षाओं को पूरा करने के व्यावहारिक तरीकों पर भी विस्तार से मंथन हुआ।
यमुना प्राधिकरण का औद्योगिक क्षेत्र निरीक्षण: इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रबंधन का लिया जायजा
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तकनीकी सत्रों के बाद यमुना प्राधिकरण के प्रतिनिधिमंडल ने औद्योगिक क्षेत्र का स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सड़क, बिजली, जल निकासी, औद्योगिक भूखंडों की व्यवस्था और उपयोगिता प्रबंधन को प्रत्यक्ष रूप से देखा और अनुभव साझा किए।
इस अवसर पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी आर के सिंह ने कहा कि नीमराना में विकसित जापानी औद्योगिक क्षेत्र से कई महत्वपूर्ण सीख मिली हैं। भूमि के स्थानीयकरण, विशेषीकृत अवसंरचना और निवेशकों के अनुकूल वातावरण से जुड़े निष्कर्ष यमुना क्षेत्र में विश्वस्तरीय औद्योगिक नगरी विकसित करने में सहायक होंगे। इससे उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश मानचित्र पर और अधिक मजबूत पहचान मिलेगी। दौरे का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें अंतरराज्यीय सहयोग को देश की औद्योगिक प्रगति के लिए आवश्यक बताया गया। अधिकारियों ने यमुना प्राधिकरण की मास्टर योजना और क्लस्टर आधारित औद्योगिक विकास दृष्टि की जानकारी भी साझा की। साथ ही आगामी नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जेवर से जुड़ी बहु-आयामी संपर्क व्यवस्था को औद्योगिक विकास की रीढ़ बताते हुए उस पर विशेष जोर दिया गया।
