नई दिल्ली (शिखर समाचार) सहारा समूह की सहकारी समितियों में फंसी जमाकर्ताओं की रकम अब धीरे-धीरे लौटाई जा रही है और यह पूरी प्रक्रिया भारत सरकार की निगरानी में पारदर्शी तरीके से संचालित हो रही है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी है कि अब तक देशभर के 27 लाख 33 हजार 520 से अधिक जमाकर्ताओं को 5139.23 करोड़ की राशि लौटाई जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, सहारा-सेबी रिफंड खाते में पड़ी 24,979.67 करोड़ की राशि में से 5000 करोड़ का आवंटन सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को किया गया है, ताकि सहारा समूह की चार बहु-राज्यीय सहकारी समितियों सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल भोपाल, हमारा इंडिया कोलकाता और स्टार्स मल्टीपर्पज हैदराबाद के वास्तविक जमाकर्ताओं को उनका पैसा लौटाया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए हो रही पारदर्शी भुगतान प्रक्रिया
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि इस उद्देश्य के लिए 18 जुलाई 2023 को सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल (https://mocrefund.crcs.gov.in) लॉन्च किया गया है, जिसके माध्यम से पात्र जमाकर्ता आधार लिंक बैंक खाता, पहचान पत्र और जमा का प्रमाण देकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पूरी प्रक्रिया डिजिटल और कागज रहित है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल निगरानी कर रहे हैं।
31 मार्च 2023 तक परिपक्व राशि के लिए 50,000 तक की सहायता
जिन लोगों की जमा राशि 31 मार्च 2023 तक परिपक्व हो चुकी है, वे पोर्टल पर 50,000 तक की राशि के लिए पात्र हैं और भविष्य में राशि की अधिकतम सीमा भी बढ़ाई जा सकती है। जिन आवेदनों में त्रुटियाँ पाई गई हैं, उन्हें सुधारने के लिए “पुनः प्रस्तुतीकरण पोर्टल” https://mocresubmit.crcs.gov.in भी उपलब्ध है। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने रिफंड वितरण की समयसीमा 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दी है, ऐसे में जिन लोगों को अब तक पैसा नहीं मिला है वे जल्द से जल्द पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।