आईएमएस गाज़ियाबाद का 34वां दीक्षांत समारोह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्नातकों को दिया भविष्य निर्माण का संदेश

Rashtriya Shikhar
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The 34th Convocation Ceremony of IMS Ghaziabad took place, where Union Education Minister Dharmendra Pradhan delivered a message to the graduates, encouraging them to focus on building a bright future IMAGE CREDIT TO IMS

गाज़ियाबाद (शिखर समाचार)
आईएमएस गाज़ियाबाद परिसर शनिवार को एक विशेष उत्सव का साक्षी बना, जब संस्थान का 34वां दीक्षांत समारोह भव्य और गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में विद्यार्थियों की मेहनत और उपलब्धियों का सम्मान किया गया और साथ ही उन्हें नए जीवन पथ पर कदम बढ़ाने का आशीर्वाद भी मिला।

युवाओं का योगदान विकसित भारत की नींव: धर्मेंद्र प्रधान, NEP 2020 को बताया शिक्षा का पुनर्जागरण

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समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि विकसित भारत 2047 की दिशा में युवाओं का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शिक्षा का पुनर्जागरण करार देते हुए कहा कि यह नीति जड़ों से जुड़ते हुए युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाने का माध्यम बनेगी। प्रधान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और डिजिटल परिवर्तन को भविष्य का आधार बताते हुए छात्रों से इन क्षेत्रों में दक्षता हासिल करने का आह्वान किया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहसरबुद्धे ने छात्रों को हर चुनौती को अवसर में बदलने की प्रेरणा दी। वहीं एआईसीटीई के उपाध्यक्ष और शिक्षा मंत्रालय के चीफ इनोवेशन ऑफिसर डॉ. अभय जेरे ने नवाचार और उद्यमिता को भारत की प्रगति का स्तंभ बताते हुए कहा कि आज के स्नातक केवल नौकरी पाने वाले नहीं, बल्कि अवसर गढ़ने वाले बनें।

आईएमएस की नई पहचान: बहुविषयक शिक्षा से विकसित भारत 2047 की ओर कदम

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आईएमएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन नरेश अग्रवाल ने कहा कि संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना को आत्मसात करते हुए बहुविषयक शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान और भारतीय ज्ञान परंपरा का समन्वय कर रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि आईएमएस जल्द ही डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। मैनेजिंग ट्रस्टी नितिन अग्रवाल ने विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को रेखांकित करते हुए कहा कि आईएमएस छात्रों को केवल डिग्री नहीं, बल्कि मूल्य-आधारित नेतृत्व और उद्योगोन्मुखी कौशल प्रदान कर रहा है।

कार्यक्रम में 2200 से अधिक छात्र-छात्राओं और अभ्यर्थियों ने शिरकत की। इस दौरान 359 स्नातकों को उपाधि प्रदान की गई। मेधावी छात्रों में इतीशा मंग्लिक को स्वर्ण पदक, काजल सिंह और राहुल भौमिक को रजत पदक, जबकि श्रेया श्रुति को कांस्य पदक मिला। विशेष पुरस्कारों में राहुल भौमिक को आउटस्टैंडिंग स्टूडेंट अवार्ड और अर्पण चक्रवर्ती को लीडरशिप एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान किया गया।

डॉ. प्रसून त्रिपाठी का संदेश: दीक्षांत समारोह में नेतृत्व और समाजसेवा की प्रेरणा

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निदेशक डॉ. प्रसून एम. त्रिपाठी ने समारोह को छात्रों की उपलब्धियों का पर्व बताते हुए कहा कि दीक्षांत केवल सम्मान का अवसर नहीं, बल्कि जिम्मेदार और समाजोपयोगी नेतृत्व की प्रेरणा देने वाला क्षण है। उन्होंने स्नातकों से आह्वान किया कि वे राष्ट्र और समाज के विकास में योगदान करते हुए संस्थान की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाएँ।

इस अवसर पर संजय अग्रवाल, सीए (डॉ.) राकेश चारिया, प्रमोद अग्रवाल, सुधीर शुक्ला, राजीव चौधरी, अपूर्व गोयल, विदुर चारिया और मयंक चौधरी जैसे विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। अंत में डॉ. वैशाली अग्रवाल, डॉ. पुष्पेंद्र, डॉ. अमित भाटी, डॉ. पंकज रावल सहित सभी संकाय सदस्यों और अभिभावकों ने स्नातकों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।

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